तुम्हें तो इस देश में डर लगने लगा था आमिर खान! तुम्हें तो इंडिया रहने लायक ही नहीं लगता था। क्या हुआ ‘मिस्टर परफेक्शनिसट’ लोग एक फिल्म का बायकॉटकरने लगे तो तुम्हारे अंदर देश प्रेम जाग उठा। ये वही लोग हैं जो इन्टॉलरेंट हो चुके थे। ओह! आप तो कलाकार हो वो भी माया नगरी मुंबई के…डायलॉग बोलना आपका पेशा है तो लाल सिंह चड्ढा फ्लॉप होने से पहले देश प्रेम का एक इमोशनल डायलॉग मार ही दिया जाए। शायद इन्टॉलरेंट्स में से कुछ का दिल पसीज जाए और आपकी डूबती हुई नैया पार लग जाए।
अच्छा आमिर खान, ये बताओ- तुर्की में फिल्म की शूटिंग करने गए थे तो तुम्हें मालूम नहीं कि ये उस एर्दोगान का देश है जिसने संयुक्त राष्ट्र में नापाक-पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की हां में हां मिलाई थी। तुर्की- उसी एर्दोगान का देश है- जो कश्मीर को लेकर झूठ और मक्कारी वाले बयान देता फिरता है। आप यह भी भूल गए कि अर्मेनिया-अजरबेजान की जंग में क्रिश्चियन देश अर्मेनिया को हराने के लिए तुर्की इस्लामिक मुल्क अजरबेजान के साथ जंग में कूद पड़ा था और अर्मेनिया की हार के बाद इस्तांबूल की सड़कों पर भारत भी पर हमला करने और कश्मीर पर कब्जे के नारे लगाए गए थे।
आमिर खान, क्या आपको नहीं मालूम, कि भारत कश्मीर और मोदी के खिलाफ नारे लगाने, जिहाद का ऐलान करने वालों में एर्दोगान के मंत्री भी शामिल थे। आप तो बहुत रिसर्च करके फिल्म बनाते हो आमिर खान, तुम्हारी रिसर्च में यह बात खुलकर सामने नहीं आई कि कश्मीरी आतंकियों को तुर्की की सेना ट्रेनिंग देती है।
मिस्टर परफेक्शनिस्ट, आप तो महीनों तुर्की में रहे हो। कई जगह शूटिंग की है आपने। कभी वहां का लोकल रेडियो स्टेशन सुनने और टीवी देखने का मौका नहीं मिला या आपने अपने स्वार्थ के लिए ओवरलुक कर दिया? आप इस बात को कैसे हजम कर गए कि तुर्की की रेडियो-टीवी ब्रॉडकास्ट सर्विस उस एंकर, प्रोड्यूसर को उतनी ज्यादा पगार देती है जो जितनी ज्यादा आग इंडिया के खिलाफ उगलता है। तथ्य हों या न हों बस जो भी सुने या देखे उसके दिल में भारत के खिलाफ नफरत की आग धधकने लगे। हैं न, मिस्टर आमिर खान। आपने गजनी जरूर बनाई है मगर उम्मीद है कि आपको शार्ट टर्म मेमोरी सिंड्रोम नहीं होगा!
आमिर खान, आप तो एर्दोगान के शाही मेहमान थे, शाही महलों में आपका इस्तक्वाल तुर्की की फर्स्ट लेडी ने खुद किया था, महल की अटारी पर खड़े होकर उन्होंने आपके साथ फोटो भी खिंचवाए थे, आपने लंच या डिनर भी किया होगा, आपके जहन में नहीं आया कि आर ‘दुश्मन’ के घर में बैठे हो! तुम्हारे हाथ से नीचे नहीं गिरा कि यह सोचकर कि यह उसी दुश्मन का घर है जो निर्दोष कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर घटिया राजनीति करता है, दुनिया को बरगलाता है, पाकिस्तान के नैरेटिव को आगे बढ़ाता है? उस शख्स के घर का पानी भी आपने कैसे पी लिया जो कश्मीर में आतंकी मुहिम को हवा दे रहा है। जो इंडिया में इस्लामिक जिहाद की मंशा रखता है। जो कट्टरवादियों को और अलगाववादियों को फण्ड्स भेजता है।
आमिर खान, जिन्हें आप इन्टॉलरेंट कहते हो न, उन्हीं ने आपको स्टार बनाया है। उन्हीं की वजह से आप ऐश करते हो, तुर्की जैसे देशों की आमदनी बढाते हो। आमिर खान, आपने इन इन्टॉलरेंट्स की धार्मिक आस्था और संवेदनाओं को ठेस पहुंचाई, मगर माफ कर दिया क्यों कि आपने लगान भी बनाई थी। लेकिन आप तो दुश्मन की बोली बोलने लगे। दुश्मन के एजेंडा को आगे बढ़ाने लगे। आपको, आपकी (तत्कालीन) पत्नी को उसी देश में डर लगने लगा जिसने आपको सिर-आखों पर बैठाया। अब इन्टॉलरेंट्स जाग रहे हैं। आपकी फिल्म के बायकॉट की मुहिम ही चला रहे है। गनीमत समझो, आमिर खान इन्टॉलरेंट्स ने अभी आपका बायकॉट नहीं किया है। आपको देश से बहिष्कृत करने की मांग नहीं की। क्यों कि वो इन्टॉलरेंट नहीं, बाई वर्चू टॉलरेंट हैं।
आपकी फिल्म में वो भी हैं न, तैमूर खान की मम्मी, सैफ अली खान की अहलिया करीना कपूर खान… ‘सिर तन से जुदा’ होते हुए वीडियो तो देखे होंगें आमिर खान आपने भी और करीना कपूर खान ने भी। उनके खाबिंद सैफ अली खान ने भी, सिर तन से जुदा करने वालों के प्रोपेगंडा वीडियो भी देखें होंगे व्हाट्सएप पर.. मगर आप लोगों के मुंह से से,एक शब्द भी नहीं फूटा न ‘शांति दूतों’ की इज्जत अफजाई में!
क्यों न हो आपकी फिल्मों का बायकॉट और आपका भी? जवाब दो, दुश्मन के दस्तरखान पर दावत उड़ाने वाले मि.परफेक्शनिस्ट, पद्मश्री-पद्मभूषण आमिर खान!
आथ्थू!!! लोग ऐसा क्यों बोल रहे हैं?