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अब कैंसर की दवायें होंगी सस्ती, क्योंकि जीएसटी परिषद ने की कर माफ़ी की सिफ़ारिश

व्यक्तिगत उपयोग के लिए आयात की जाने वाली डिनुटुक्सिमैब (क्वार्जिबा) दवा पर जीएसटी से छूट देने का निर्णय ।

जीएसटी परिषद ने कैंसर से संबंधित दवाओं, दुर्लभ बीमारियों की दवाओं और विशेष चिकित्सा प्रयोजनों के लिए खाद्य उत्पादों को जीएसटी कर से छूट देने की सिफ़ारिश की है, जिससे इन दवाओं के सस्ते होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में मंगलवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में यह फ़ैसला लिया गया।

इस बैठक के बाद जारी वित्त मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, “व्यक्तिगत उपयोग के लिए आयात किए जाने पर डिनुटुक्सिमैब (क्वार्जिबा) दवा पर जीएसटी से छूट देने का निर्णय लिया गया है।”

राष्ट्रीय दुर्लभ रोग नीति, 2021 के तहत सूचीबद्ध दुर्लभ बीमारियों के उपचार में उपयोग की जाने वाली दवाओं और विशेष चिकित्सा प्रयोजनों के लिए भोजन (एफएसएमपी) पर आईजीएसटी से तब छूट देने का भी निर्णय लिया गया है, जब मौजूदा शर्तों के अधीन व्यक्तिगत उपयोग के लिए आयात किया जाता है। बयान में कहा गया है कि इसी तरह, दुर्लभ रोगों के लिए उत्कृष्टता केंद्रों या किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा सूचीबद्ध उत्कृष्टता केंद्रों में से किसी की सिफ़ारिश पर आयात किए जाने पर आईजीएसटी छूट को एफ़एसएमपी तक भी बढ़ाया जा रहा है।

परिषद ने सिनेमा हॉल में उपभोग किए जाने वाले भोजन और पेय पदार्थों पर लगाये गये सेवा कर को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का भी निर्णय लिया, और जीएसटी दर के ऊपर उपकर लगाने के लिए स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) की परिभाषा में बदलाव कर दिया है।

वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि वर्तमान में उपकर लगाने के लिए एसयूवी की परिभाषा में चार पैरामीटर शामिल हैं – लोकप्रिय रूप से एसयूवी के रूप में जाना जाना चाहिए, 4 मीटर या उससे अधिक की लंबाई होनी चाहिए, 1,500 सीसी और उससे अधिक की इंजन क्षमता होनी चाहिए और न्यूनतम 170 मिमी की अनलेडेड ग्राउंड क्लीयरेंस होना चाहिए।

परिषद ने इस शर्त को ख़त्म करने का फ़ैसला किया है कि वाहन को लोकप्रिय रूप से एसयूवी के रूप में देखा जाना चाहिए, और इस बात पर ज़ोर दिया कि 170 मिमी की ग्राउंड क्लीयरेंस एक अनलेड वाहन की होनी चाहिए।

जीएसटी परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ से जुड़े दांव के पूर्ण “अंकित मूल्य” पर एक समान 28 प्रतिशत कर लगाने को भी मंज़ूरी दे दी है। इससे वे सट्टेबाज़ी और जुए के बराबर आ जायेंगे। उद्योग हितधारक यह तर्क दे रहे थे कि कर उद्देश्यों के लिए कौशल के खेलों को मौक़े के खेलों से अलग माना जाना चाहिए।

ऑनलाइन गेमिंग पर प्रभावी कर की दर जीएसटी क़ानून में संशोधन के बाद लागू की जायेगी। वित्तमंत्री ने कहा, ”ऑनलाइन गेमिंग को शामिल करने के लिए जीएसटी कानून में संशोधन लायेंगे और इस पर पूर्ण अंकित मूल्य पर 28 प्रतिशत का कर लगाया जायेगा।”

इस समय अधिकांश ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म प्रत्येक गेम के लिए एकत्रित कमीशन पर 18 प्रतिशत कर का भुगतान करते हैं। सट्टेबाज़ी या जुए में शामिल खेलों पर 28 फ़ीसदी जीएसटी लगता है। घुड़दौड़ के लिए शर्त मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है।