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बारिश के साथ गिरे ‘बादलों के टुकड़े’, लोग हैरान परेशान, वैज्ञानिकों ने बताई असल वजह

बारिश के साथ गिरे 'बादलों के टुकड़े'

बारिश के साथ ओले गिरते तो सबने देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी बारिश के साथ बादल गिरते देखा है। जी हां ऐसा हुआ है। महाराष्ट्र के चंद्रपुर में 'बादलों की बारिश' हुई है। जिसे देख स्थानीय लोग डरे हुए और हैरान हैं। लोगों का कहना है कि बारिश के साथ बादल के छोटे-छोटे टुकड़े गिरे हैं। हालांकि अब इसे  प्रदूषण की वजह से उड़ रहे झाग बताया जा रहा है। वायुमंडल को समझने वाले वैज्ञानिकों का मानना है कि बारिश और वातावरण के प्रदूषण के बीच रसायनिक प्रक्रिया होने की वजह से ये झाग के गोले बनकर जमीन पर गिर रहे थे।

ये घटना महाराष्ट्र के चंद्रपुर शहर का बताया जा रहा है।  पेड़ों पर, घास पर, सड़कों पर, घरों पर समेत कई अन्य जगहों पर ये झाग गुच्छों के रूप में दिखाई दे रहा थे। बादलों जैसे दिखने वाला ये झाग करीब दो किलोमीटर के दायरे में पसरा हुआ है। आसमान से गिरते हुए ये झाग साफ दिखाई दे रहे थे। लोग भी हैरान रह गए। लोगों को समझ नहीं आ रहा था की आखिर ये क्या हो रहा है।

जिस इलाके में झाग के गोले गिरे, वहां पर चंद्रपुर थर्मल पावर स्टेशन समेत कई कोयला खदानें भी हैं, जिसके कारण इस इलाके में बड़े पैमाने पर वायु प्रदूषण  होता है। चंद्रपुर में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है। पर्यावरण के जानकार सुरेश चोपने के मुताबिक थर्मल पावर प्लांट और कोयला खदानों से वर्षा जल और वायु प्रदूषण के संयोजन के परिणामस्वरूप फोम का निर्माण हो सकता है। यह पहली बार है जब बारिश के साथ ऐसा झाग गिरा हो।

वैज्ञैनिकों का कहना है कि बारिश के समय झाग बनने की इस प्रक्रिया को सर्फेकटेंट इफेक्ट  या मिसेल फॉर्मेशन कहते हैं। इस प्रक्रिया के होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। ज्यादातर मामलों में इस तरह के झाग बनने की वजह इंडस्ट्रियल कचरा या प्रदूषण ही होता है। जब ये हवा में उड़कर बादलों के साथ मिल जाता है। बारिश होने पर ये रसायनों से मिले ये बादल टूटककर झाग के रूप में नीचे गिरते रहते हैं।  महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा है कि वो इस मामले की जांच कर रहे हैं। उनके पास झाग का सैंपल मौजूद है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिरकार ऐसा क्यों हुआ।