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प्याज़ संकट पर लगाम, अतिरिक्त 2 लाख टन प्याज़ की ख़रीद शुरू

दो कृषि एजेंसियों - एनसीसीएफ़ और एनएएफ़ईडी का महाराष्ट्र में किसानों से सीधे 2,410 रुपये प्रति 100 किलोग्राम पर 2 लाख टन अतिरिक्त प्याज़ की ख़रीद शुरू

Piyush Goyal On Onions: नई दिल्ली, 22 अगस्त (एएनआई): केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र में किसानों से 2 लाख टन अतिरिक्त प्याज़ की ख़रीद शुरू कर दी है। इस अतिरिक्त स्टॉक को ख़रीदने का निर्णय महाराष्ट्र में किसानों द्वारा प्याज़ की बिक्री पर 40% निर्यात शुल्क लगाने के सरकार के फ़ैसले का विरोध करने के बाद आया। दिल्ली में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और महाराष्ट्र के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे के बीच हुई बैठक के बाद ख़रीद शुरू होने की घोषणा की गयी।

गोयल ने बताया, “केंद्र सरकार हमेशा किसानों के सर्वोत्तम हित में काम करती है और समय-समय पर उनकी उपज ख़रीदती है… केंद्र सरकार के निर्देश पर एनसीसीएफ़ और एनएएफ़ईडी ने महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से 3 लाख टन प्याज़ ख़रीदा था, जिससे क़ीमतें बढ़ गयीं। किसानों और उपभोक्ताओं के बीच संतुलन बनाने के लिए सरकार ने प्याज़ पर 40 फ़ीसदी निर्यात शुल्क लगाया है। यह घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए है।”

गोयल ने कहा, “दो कृषि एजेंसियों – एनसीसीएफ़ और एनएएफ़ईडी ने महाराष्ट्र में किसानों से सीधे 2,410 रुपये प्रति 100 किलोग्राम पर 2 लाख टन अतिरिक्त प्याज़ ख़रीदना शुरू कर दिया है।”

उन्होंने कहा, “अगर ज़रूरत पड़ी, तो हम अन्य प्याज़ उत्पादक राज्यों से और अधिक प्याज़ ख़रीदने के लिए तैयार हैं।”

भारत के कुछ हिस्सों में प्याज़ की बढ़ती क़ीमतों के बीच केंद्र सरकार ने इस मुख्य सब्ज़ी को अपने बफ़र स्टॉक से निर्गत करना शुरू कर दिया है।

एक अभूतपूर्व क़दम उठाते हुए सरकार ने 3.00 लाख मीट्रिक टन के प्रारंभिक ख़रीद लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद इस वर्ष रविवार को प्याज़ बफ़र की मात्रा बढ़ाकर 5.00 लाख मीट्रिक टन कर दी थी।

केंद्र सरकार ने पहले फ़ैसला किया था कि वह 2023-24 सीजन में बफ़र स्टॉक के रूप में 3 लाख टन प्याज़ रखेगी। 2022-23 में सरकार ने 2.51 लाख टन प्याज़ बफ़र स्टॉक के तौर पर रखा है।

यदि कम आपूर्ति वाले मौसम के दौरान दरें काफ़ी बढ़ जाती हैं, तो किसी भी आपात स्थिति को पूरा करने और मूल्य स्थिरीकरण के लिए यह बफ़र स्टॉक बनाये रखा जाता है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि बाज़ार निपटान के अलावा, राज्यों को उनके उपभोक्ता सहकारी समितियों और निगमों के ख़ुदरा दुकानों के माध्यम से बिक्री के लिए रियायती दरों पर पेशकश करने का भी निर्णय लिया गया।

रबी प्याज़ की कटाई अप्रैल-जून के दौरान की जाती है, जो भारत के प्याज़ उत्पादन का 65 प्रतिशत है और अक्टूबर-नवंबर में ख़रीफ़ फ़सल की कटाई तक उपभोक्ता की मांग को पूरा करता है।

महाराष्ट्र के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने आज पीयूष गोयल से मुलाक़ात की और उनसे अनुरोध किया कि केंद्र सरकार को प्याज़ के निर्यात पर निर्यात शुल्क पर पुनर्विचार करना चाहिए, क्योंकि इससे महाराष्ट्र में किसानों को नुक़सान हो रहा है।

मुंडे ने कहा, “केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया है कि वे इस पर विचार करेंगे। इस बीच, तात्कालिक उपाय के तौर पर मंत्री ने आश्वासन दिया है कि NAFED महाराष्ट्र से 2 लाख टन अतिरिक्त प्याज़ ख़रीदेगा। इसके लिए 2,410 रुपये प्रति क्विंटल की ऐतिहासिक क़ीमत पर सहमति बनी है। मैं इस फ़ैसले के लिए प्रधानमंत्री और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल का आभारी हूं। मैंने महाराष्ट्र के किसानों की ओर से भी उन्हें धन्यवाद दिया है।”

भारत ने शनिवार को 31 दिसंबर, 2023 तक घरेलू बाज़ार में क़ीमतों में वृद्धि और आपूर्ति में सुधार के लिए प्याज़ के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगा दिया था।

इस सम्बन्ध में देवेंद्र फड़णवीस ने ट्वीट किया, “आज मेरी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से टेलीफ़ोन पर बातचीत हुई. केंद्र ने 2 लाख मीट्रिक टन प्याज़ ख़रीदने का फैसला किया है. केंद्र ने प्याज़ के हित के लिए यह घोषणा की है.”

उन्होंने कहा कि “महाराष्ट्र के प्याज़ उत्पादकों, नासिक और अहमदनगर में विशेष ख़रीद केंद्र स्थापित किए जायेंगे। यहां 2410 रुपये प्रति क्विंटल पर प्याज़ ख़रीदा जायेगा। यह हमारे राज्य के प्याज़ उत्पादकों के लिए बड़ी राहत होगी।”