चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। गलवान वैली में उसे मुंह की खानी पड़ी। जब 2020 में उसने पूर्वी लद्दाख में घुसपैठ की थी तो उसे लगा नहीं था कि, ऐसा मुंहतोड़ जवाब मिलेगा। अब एक बार फिर से चीन अपनी नापाक हरकतें करनी शुरू कर दिया है। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनाव के बीच पिछले महीने एक चीनी लड़ाकू जेट को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब देखा गया। चीन के ये फाइटर जेट भारतीय सैन्य ठिकानों के बेहद करीब से उड़ान भरा। इसे देखते ही इंडियन एयरफोर्ट ने तत्काल स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसिजर (SoP) शुरू कर दी। ये बड़ी घटना है लेकिन, इसे चीन बहुत गंभी या खतरनाक नहीं मान रहा है। भारत ने इस मसले को चीन के सामने उठाया है। माना जा रहा है कि, चीन की इस हरकत के बाद भारत भी कोई बड़ा कदम उठा सकता है। दोनों देशों के बीच पिछले दो साल से अधिक लसमय से टकराव जारी है।
मीडिया में आ रही एक रिपोर्ट की माने तो, 28 जून को तड़के अग्रिम क्षेत्रों में तैनात भारतीय राडार ने चीनी लड़ाकू विमान को पकड़ लिया। एक सूत्र ने बताया कि, हवाई रक्षा उपायों को सक्रिय किया गया। इसमें हमारे एयरबेस से लड़ाकू विमानों को खदेड़ना शामिल था, लेकिन चीनी विमान वापस चला गया। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और वायु सेना पूर्वी लद्दाख की ओर एलएसी पर अपनी तरफ अभ्यास कर रही है। अप्रैल-मई 2020 में इस तरह के अभ्यास के दौरान पीएलए सैनिकों ने भारतीय बलों को ऑफ-गार्ड पकड़ने के लिए पूर्वी लद्दाख में कई घुसपैठ की थी। इसके बाद से दोनों सेनाओं ने क्षेत्र में सीमा पर 50,000 से अधिक सैनिकों को आगे तैनात रखा है। भारतीय और चीनी दोनों वायु सेनाएं LAC के पास विमान और ड्रोन उड़ाती हैं ताकि प्रतिद्वंद्वी के वायु रक्षा उपायों और उनके आवश्यक प्रतिक्रिया समय की जांच की जा सके। इसमें निगरानी मिशन की उड़ान भी शामिल होती हैं।
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि, एक लड़ाकू विनाम का इतना करीब से उड़ना दुर्लभ है। ऐसे सभी मामलों को चीन के साथ उठाया जाता है। भारत और चीन अब को कमांडर-स्तरीय वार्ता के 16वें दैर की तारीख को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। लेकिन, इससे पहले ही चीन अपनी घटिया हरकतों पर उतर आया है। चीन एक ओर तो भारत के साथ शांती वार्त की उम्मीद कर रहा है लेकिन, दूसरी ओर वो इस तरह की घटिया हरकतें कर रहा है। चीन की इसी घटिया हरकतों के चलते गलवान वैली में उसे अपने 40 सैनिकों की जान गवानी पड़ी थी। सैनिकों की मौत की संख्या चीन शुरुआत में 4 बता रहा था लेकिन, जब पोल खुली तो पूरी दुनिया को ड्रैगन की हकीकत का पता चल गया।