कोरोना के खिलाफ केंद्र की मोदी सरकार ने वैक्सीनेशन अभियान के तहत देश के अधिक से अधिक नागरिकों को वैक्सीन लगाई गई। तीसरी लहर में कोरोना संक्रमण का असर कम देखने को मिला या फिर जो लोग ओमीक्रॉन से संक्रमित हुए वो जल्द ही ठीक भी हो गए। इस लहर में मौत के आंकड़े भी ज्यादा ऊपर नहीं गए। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण वैक्सीनेसन ही रहा है। अब इस जंग में देश को नौंवी वैक्सीन मिल गई है।
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दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने रविवार को कहा कि DCGI ने भारत में सिंगल-डोज स्पुतनिक लाइट कोविड-19 वैक्सीन के लिए आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यह देश में 9वां कोविड वैक्सीन है। यह महामारी के खिलाफ देश की सामूहिक लड़ाई को और मजबूत करेगा। इससे पहले भापत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के विशेषज्ञ पैनल ने कोरोना रोधी टीके 'स्पुतनिक लाइट' के सीमित आपातकालीन उपयोग की सिफारिश की थी। आधिकारिक सूत्रों ने कहा था कि विभिन्न नियामक प्रावधानों की शर्तों के तहत ये सुझाव दिया गया है। स्पुतनिक लाइट, स्पुतनिक-वी के 'कम्पोनेंट-1' की तरह ही है।
हैदराबाद की इस दवा कंपनी ने स्पुतनिक वी का क्लीनिकल परीक्षण करने के बाद भारत में इसके वितरण के लिए रसियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के साथ सितंबर 2020 में करार किया था। पिछले साल भी स्पुतनिक टीके के आयात की अनुमति मिली थी। डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज के अनुसार स्पुतनिक लाइट को अर्जेंटीना और रूस समेत 29 देशों में मान्यता प्राप्त है। सिफारिश को अंतिम मंजूरी के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक के पास भेजा गया है।
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भारत में जिसे इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजुरी मिली है वो रूस की स्पूतनिक वी वैक्सीन की लाइट वर्जन है और इसके सिंगल डोज लेने से ही कोरोना वायरस का खात्मा हो जाएगा। अभी तक इसके लिए वैक्सीन का दो डोज लगाना जरूरी होता है। कोरोना वायरस के खिलाफ स्पूतनिक लाइट वर्जन 79.4 फ़ीसदी तक प्रभावी पाई गई है। इसकी कीमत $10 मतलब करीब 730 रुपये से भी कम है।