दिवाली के जाते ही देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण इतना बढ़ जाता है कि लोगों को सांस तक लेने में परेशानी होती है। प्रदूषण के पीछे सबसे बड़े कारण पटाखें रहे हैं, जो बैन के बाद भी राजधानी समेत सभी शहरों में खूब आतिशबाजी की गई। राजधानी दिल्ली एनसीआर में इस वक्त जहरीली हवा बह रही है। इसके साथ ही एनसीआर के सारे प्रमुख शहरों में प्रदूषण एक बार फिर अपने टॉप पर पहुंच गया है।
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दीपावली को बिते 7दिन हो गया लेकिन राजधानी और उससे सटे शहरों से प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस वक्त सबसे ज्यादा हवा खराब गाजियाबाद की है। बुधवार को इसे देश के 141शहरों की सूची में सबसे प्रदूषित शहरों में दर्ज किया गया है। इसके साथ बुलंदशहर से लेकर पानीपत तक के हालात गंभीर बने हुए हैं। आने वाले दो दिनों तक हालात यही बने रहेंगे।
प्रदूषण के पीछे सबसे बड़ा कारण पराली जलाना भी है, हर साल की तरह इस साल भी कई मामले सामने आए हैं। एनसीआर और आस-पास के शहरों में प्रदूषण बढ़ने का ये एक मुख्य कारण है। खबरों की माने तो बीते 24घंटे में 5317पराली जलाई गई हैं। जिससे उत्पन्न होने वाले पीएम 2.5की प्रदूषण में 27फीसदी हिस्सेदारी रही है। हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम बनी हुई है, लेकिन रफ्तार हल्की बनी हुई है। इस वजह से पराली का धुआं कम मात्रा में दिल्ली-एनसीआर तक पहुंचा है। वहीं, फिलहाल दो दिनों में हवा की रफ्तार बढ़ेंगी और पराली का धुआं दिल्ली-एनसीआर में बढ़ने लगेगा जिसके बाद यहां वायु गुणवत्ता और बिगड़ने की उम्मीद है।
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दिल्ली में इस वक्त सांसों का संकट गहरा सकता है। अगले दो दिनों तक वायु प्रदूषण कई गुना तक बढ़ने की आशंका है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में एयर लॉक के हालात रहने वाले हैं। लोकों को घरों में ही रहने की सलाह दी गई है। विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (सीएसई) ने कहा कि कोहरा एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति है। सीएसई की कार्यकारी निदेशक (अनुसंधान) अनुमिता रॉयचौधरी ने कहा, ‘इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए उन मोर्चों पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है, जिससे प्रदूषण अधिक फैलता है जैसे वाहनों से, कुछ उद्योगों से, अपशिष्ट जलाने से….. वहीं, भवन निर्माण, सड़क जैसे धूल फैलाने वाले स्रोतों पर तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है। दिल्ली-एनसीआर में मौजूदा कोहरे का कहर अगले दो-तीन तक जारी रह सकता है।