कोरोना ने अब सुप्रीम कोर्ट के जजों को भी अपने चपेट में लेना शुरु कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के चार जजों के टेस्ट रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आई हैं, जबकि 150 से अधिक स्टाफ सदस्यों कोविड के लक्षण दिखे हैं। उन्हें क्वारंटाइन कर दिया गया है। यह केस सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट में पॉजिटिविटी रेट 12.5 प्रतिशत पहुंच गई है। कोर्ट में भारत के मुख्य न्यायाधीश समेत कुल 32 न्यायाधीश है जिनमें चार जज अब तक संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से दो न्यायाधीश 6 जनवरी को कोविड पॉजिटिव पाए गए थे।
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सूत्रों की मानें तो, बुखार से पीड़ित एक जज ने मंगलवार को जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की विदाई पार्टी में शिरकत की थी। उसके बाद उनका कोविड टेस्ट पॉजिटिव पाया गया। बढ़ते केस के बीच तीसरी लहर को लेकर लोगों के मन में डर है। महामारी की तीसरी लहर के खतरों पर भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) की ओर से बयान सामने आया है। आईएमए ने माना है कि संक्रमण काफी फैल रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह रुकेगा नहीं बल्कि और फैलेगा, क्योंकि यह बहुत ही संक्रामक स्वरूप लेकर आया है। अमेरिका ने भारत के मुकाबले ज्यादा लोगों का टीकाकरण किया, इसके बावजूद वहां पर यह इतनी तेजी से फैल गया है।
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पिछले 24 घंटों में अमेरिका में संक्रमण के करीब नौ लाख मामले आए हैं। ब्रिटेन में पौने दो से दो लाख के करीब मामले रोजाना आ रहे हैं। भारत की आबादी के मुकाबले उनकी आबादी तो कुछ भी नहीं है। लिहाजा यहां भी यह फैलेगा। यहां अभी 14 लाख के करीब जांच हुई है। जांच का दायरा बढ़ेगा तो देश में मामले और बढ़ेंगे, क्योंकि बहुत सारे मामले बगैर लक्षणों वाले हैं, बहुत से लोग जांच भी नहीं करवा रहे हैं और बहुत सारे लोग घरों में जांच करा रहे हैं, लेकिन रिपोर्ट नहीं कर रहे हैं। इसके बावजूद यदि संक्रमण के मामले लाख की संख्या में आ रहे हैं तो मतलब साफ है कि यह आने वाले दिनों में तेजी से बढ़ेंगे।