Heron Mark 2 Drone: स्वतंत्रता दिवस से ठीक दो दिन पहले भारतीय वायुसेना ने अपने बेड़े में एक ऐसा हथियार शामिल किया है, जिससे पाकिस्तान और चीन दोनों के गलत इरादे धरे के धरे रह जाएंगे। भारतीय वायुसेना में रविवार को हेरॉन मार्क 2 ड्रोन शामिल किया गया है। जिसे इजरायली ब्रह्मास्त्र भी कहा जाता है। यह एक ही बार में चीन और पाकिस्तान की सीमा का चक्कर लगा सकता है साथ ही जरूरत पड़ने पर मिसाइलें भी दाग सकता है।
प्रोजेक्ट चीता को और बढ़ाने की योजना
भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) भी अब मेक इन इंडिया के तहत ही अपने प्रोजेक्ट चीता को और बढ़ाने की योजना कर रहा है। मीडिया सूत्रों की मानें तो इसी योजना के तहत भारतीय सशस्त्र बलों के लगभग 70 हेरॉन ड्रोन को उपग्रह संचार लिंक के साथ उन्नत किया जाना है। साथ ही जानकारी यह भी है कि सेना को कुल 31 प्रीडेटर ड्रोन भी मिल रहे हैं, जो उच्च ऊंचाई, लंबी सहनशक्ति श्रेणी के हैं।
हेरॉन मार्क-2 ड्रोन कहा तैनात किया
चार नए हेरॉन मार्क-2 ड्रोन (Heron Mark 2 Drone) को उत्तरी क्षेत्र में एक फॉरवर्ड एयर बेस पर तैनात किया गया है। ये सभी ड्रोन लंबी दूरी की मिसाइलों और अन्य हथियार प्रणालियों से लैस है।साथ ही जानकारी यह भी हो कि हेरॉन मार्क-2 ड्रोन का संचालन करने वाले स्क्वाड्रन को ‘वार्डन ऑफ द नॉर्थ’ के रूप में जाना जाता है। जानकारी यही है कि इस ड्रोन की मदद से चीन और पाकिस्तान दोनों देशों की सीमाओं पर निगरानी रखी जा सकेगी।
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हेरॉन ड्रोन के नया संस्करण बहुत खास
हेरॉन मार्क 2 ड्रोन के पायलट स्क्वाड्रन लीडर अर्पित टंडन ने कहा कि हेरॉन ड्रोन के नए संस्करण में पिछले संस्करणों की तुलना में कई फायदे हैं, जिन्हें 2000 के दशक की शुरुआत में भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाना शुरू हुआ था। साथ ही उन्होंने कहा कि हेरॉन मार्क 2 के पेलोड और ऑनबोर्ड एवियोनिक्स शून्य से नीचे के तापमान और किसी भी मौसम की स्थिति में काम कर सकते हैं। इससे भारतीय वायु सेना को किसी भी प्रकार के इलाके में पदचिह्न हासिल करने में मदद मिल रही है।