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G20 summit: नए साल पर नए तरीके से कोरोना पर होगा वार- पीएम मोदी ने अपने वादे से चीन की बढ़ाई टेंशन

G-20 मीटिंग में कोरोना टीके को लेकर पीएम मोदी ने ऐसा किया वादा कि दुनिया खुश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को रोम में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन में कहा कि भारत अगले साल के अंत तक कोविड-19 टीके की पांच अरब खुराक का उत्पादन करने के लिए तैयार है। पीएम मोदी के इस वादे से तो दुनिया खुश है लेकिन चीन जरूर लाल हुआ होगा। कोरोना जंग के खिलाफ लड़ाई में भारत के योगदान को रेखांकित करते हुए ये बात कही।

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प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रमों की मीडिया को जानकारी देते हुए विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा की सुविधा देने पर भी जोर दिया और टीकाकरण प्रमाण पत्र को परस्पर आधार पर मान्यता देने की प्रणाली बनाने पर जोर दिया जिसके लिए यह व्यवस्था की गई है। पीएम मोदी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा भारत में विकसित कोवैक्सीन को आपात इस्तेमाल के लिए अधिकृत करने का फैसला लंबित है और सुझाव दिया है कि इसे मंजूरी देने से भारत अन्य देशों की मदद कर सकता है। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य निकाय का तकनीकी सलाहकार समूह तीन नवंबर को बैठक करने वाला है जिसमें वह कोवैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी को हरी झंडी दिखा सकता है।

पीएम मोदी ने महामारी के दौरान 150 देशों को की गई चिकित्सा आपूर्ति और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को कायम रखने में भारत के योगदान को भी रेखांकित किया। श्रृंगला ने बताया कि मोदी ने यह टिप्पणी जी-20 बैठक के तहत आयोजित वैश्विक अर्थव्यवस्था और वैश्विक स्वास्थ्य सत्र में हस्तक्षेप करते हुए की। सप्लाई चेन फ्लेक्सिबिलिटी की जरूरत पर जोर देते हुए मोदी ने भारत द्वारा किए गए साहसी आर्थिक सुधार पर बात की। इसके अलावा उन्होंने जी-20 देशों को भारत को आर्थिक उभार और आपूर्ति श्रृंखला में विविधिकरण के लिए साझेदार बनाने के लिए आमंत्रित किया। श्रृंगला ने बताया कि मोदी ने महामारी से लड़ाई और भविष्य की वैश्विक स्वास्थ्य समस्याओं की पृष्ठभूमि में एक धरती, एक स्वास्थ्य का दृष्टिकोण पेश किया।

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जी20 शिखर सम्मेलन के पहले सत्र में ग्लोबल इकोनमी और ग्लोबल हेल्थ पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए हमने एक पृथ्वी- एक स्वास्थ्य का विजन विश्व के सामने रखा है। भविष्य में ऐसे किसी भी संकट से निपटने के लिए ये विजन विश्व की बहुत बड़ी ताकत बन सकता है। साथ ही कहा कि फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड की भूमिका निभाते हुए भारत ने 150 से ज्यादा देशों को दवाइयां पहुंचाई।