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सिकुड़ती जगह के कारण जानवरों के लिए भी अब गैस आधारित शवदाह गृह

प्रतीकात्मक फ़ोटो: वलसाड में बनाया जा रहा गुजरात का पहला गैस आधारित शवदाह गृह (फ़ोटो: सौजन्य: ossplgroup.in)

जगह की कमी से जीवित और मृत दोनों ही जूझ रहे हैं। मृत जानवरों को दफ़नाने के लिए सीमित क्षेत्र उपलब्ध होने के कारण गुजरात के वलसाड ज़िले में स्थित वापी नगरपालिका ने उनके लिए गैस आधारित दाह संस्कार गृह स्थापित करने का निर्णय लिया है।

यह राज्य में अपनी तरह का पहला शवदाह गृह है और इसकी लागत 74 लाख रुपये होगी।

इस शवदाह गृह के बारे में बताते हुए वापी नगर पालिका स्वास्थ्य विभाग के अध्यक्ष, सुरेश पटेल का कहना है कि यह चंदोर स्थित मनुष्यों के लिए श्मशान गृह के पास ही स्थित है। इसमें दो गैस आधारित चैंबर की व्यवस्था होगी। एक का इस्तेमाल बिल्ली, कुत्ते, सूअर और बकरियों जैसे छोटे जानवरों के लिए किया जायेगा, जबकि दूसरे का इस्तेमाल गाय और भैंस जैसे बड़े जानवरों के लिए किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि वीएनपी ने गुजरात राज्य पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड से गैस की आपूर्ति करने के लिए कहा था और वे मुफ़्त आपूर्ति के लिए सहमत हो गये हैं। निगम ने मनुष्यों के लिए दाह गृहों के लिए भी ऐसा ही किया था।

इस समय मृत जानवरों को चंदौर क्षेत्र में वीएनपी के ठोस अपशिष्ट निपटान स्थल पर दफ़नाया जाता है। वीएनपी के मुख्य स्वच्छता निरीक्षक शैलेश पटेल के अनुसार, वहां एक महीने में औसतन 10 मवेशियों को दफ़नाया जाता है। हालांकि, हर गुज़रते दिन के साथ जगह की कमी मृत जानवरों को दफ़नाने में बाधा बन रही है। जब भी दफनाने के लिए ताज़ा ज़मीन खोदी जाती है, तो अवशेष मिलने से काम मुश्किल हो जाता है।

जब यह मुद्दा वीएनपी और पालिका की अध्यक्ष कश्मीरा शाह के सामने उठाया गया, तो यह सुझाव दिया गया कि जानवरों के लिए एक नया श्मशान गृह बनाया जाना चाहिए और इस परियोजना की लागत पर काम किया गया।

शाह ने मीडिया को बताया कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये फ़ंड से जानवरों के लिए एक नया शवदाह गृह स्थापित किया जायेगा। इसके लिए वीएनपी की सामान्य बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया। टेंडर जारी कर दिया गया और ठेका पुणे की एक एजेंसी को दे दिया गया है।

निर्माण शुरू हो गया है और अगले कुछ ही महीनों में इसके पूरा होने की उम्मीद है।