गलवान वैली में जब चीन घुसपैठ किया था और भारतीय जवानों से उलझा था तब उसे अंदाजा नहीं था कि भारतीय जवान उसे इस तरह धूल चटाएंगे कि उसका सारा घमंड ही चकनाचूर हो जाएगा। ड्रैगन इस गलतफहमी में था की पहले की तरह वो इस बार भी घुसपैठ कर लेगा और भारत सरकार चुप बैठी रहेगी। लेकिन उसे ये करने से पहले एक बार नए भारत के ताकत अंदाजा लगा लेना चाहिए था कि कैसे उसके दोस्त पाकिस्तान को घर में घुसकर पुलवामा और उरी अटैक का जवाब दिया था। चीन दुनिया के साथ अपने नागरिकों से छूठ बोलता रहा है गलवान में हुए खूनी संघर्श में भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं और उसको अधिक नुकसान नहीं हुआ। जबकि, चीन के 40 सैनिक से भी ज्यादे मारे गए थे। हाल ही में चीन ने भारत के साथ 15वें दौर की बातचीत की उम्मीद जताई थी जो आज हो गई है।
भारत और चीन ने 15वें दौर की कोर कमांडर स्तर की बैठक के बाद कहा है कि दोनों पक्ष पश्चिमी सेक्टर में जमीनी स्तर पर सुरक्षा और स्थिरता को अंतरिम रूप से बनाए रखने पर सहमत हुए हैं। चुशुल-मोल्दो में घंटो चले इस बैठक के बाद जॉइंट स्टेटमेंट में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने पश्चिमी क्षेत्र में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के साथ संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए 12 जनवरी 2022 को आयोजित पिछले दौर की चर्चा को आगे बढ़ाया है।
पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कुछ स्थानों पर 22 महीने से जारी गतिरोध को सुलझाने के लिए यह वार्ता हुई। इस बैठक को लेकर अब भारतीय सेना ने अपना बयान जारी कर बताया है कि, दोनों पक्षों ने पश्चिमी क्षेत्र में LAC के साथ प्रासंगिक मुद्दों के समाधान के लिए 12 जनवरी को आयोजित 14वें दौर की अपनी चर्चा को आगे बढ़ाया। इस बैठक में भारत और चीनी पक्ष ने बाकी बचे स्थानों पर गतिरोध को जल्द समाप्त करने के लिए विचारों का विस्तार से आदान-प्रदान किया।
सेना ने कहा कि चीन जल्द से जल्द बाकी बचे मुद्दों के स्वीकार्य समाधान तक पहुंचने के लिए सैन्य और राजनयिक चैनलों के जरिए बातचीत को बनाए रखने पर सहमत हुआ है। इसके साथ ही चीनी पक्ष ने पुष्टि की है कि इस तरह के प्रस्ताव से पश्चिमी क्षेत्र एलएसी पर शांति बहाल करने और द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति को सुविधाजनक बनाने में मदद मिलेगी। दोनों पक्ष अंतरिम रूप से पश्चिमी क्षेत्र में ग्राउंड की सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर भी सहमत हुए हैं। दोनों देश के बीच यह वार्ता करीब 13 घंटों तक चली और शुक्रवार रात 11 बजे तक खत्म हुई।