Prithvi-2 Missile: भारत ने आज बुधवार को ओडिशा के एक एकीकृत परीक्षण केंद्र से कम दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 का सफल परीक्षण किया। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि मिसाइल ने तय लक्ष्य पर बेहद सटीक तरीके से निशाना लगाया। मंत्रालय ने कहा कि कम दूरी की मारक क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 का सफल परीक्षण 10 जनवरी को ओडिशा तट पर स्थित चांदीपुर समेकित परीक्षण रेंज से किया गया। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठित प्रणाली पृथ्वी-2 मिसाइल भारत के परमाणु जखीरे का महत्वपूर्ण हिस्सा है। मिसाइल ने बेहद सटीक तरीके से निशाना लगाया।
बयान में कहा गया है कि सफल परीक्षण में मिसाइल के सभी परिचालन और तकनीकी मानदंड सही पाये गए। पृथ्वी-2 मिसाइल की ‘रेंज’ करीब 350 किलोमीटर की है। इस मिसाइल के सफल परीक्षण को देश के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है, जिसके बाद भारत के हथियारों के स्टाक में एक अन्य विशेष मिसाइल भी जुड़ गई है।
DRDO की निर्मित पहली मिसाइल है पृथ्वी
सतह से सतह पर साढ़े 350 किलोमीटर मार करने वाली इस मिसाइल में तरल ईंधन वाले दो इंजन लगाए गए हैं। इसे तरल और ठोस दोनों तरह के ईंधन से संचालित किया जाता है। मिसाइल में एडवांस गाइडेंस सिस्टम लगा है जो अपने लक्ष्य को आसानी से मार सकता है। पृथ्वी मिसाइल 2003 से सेना में है, जो नौ मीटर लंबी है, पृथ्वी डीआरडीओ द्वारा निर्मित पहली मिसाइल है।
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पृथ्वी-2 बैलिस्टिक मिसाइल की खास बातें
–रक्षा अनुसंधान (Defence Research and Development Organisation) एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने पृथ्वी-2 बैलिस्टिक मिसाइल को स्वदेशी तरीके से विकसित किया है।
-पृथ्वी-2 मिसाइल की मारक क्षमता 350 किलोमीटर है
– पृथ्वी-2 500 से 1,000 किलोग्राम भार तक के हथियारों को लेकर जाने में सक्षम है
-पृथ्वी-2 मिसाइल प्रणाली बेहद कामयाब मानी जाती है और बहुत उच्च स्तर की सटीकता के साथ निर्धारित लक्ष्य को भेदने में सक्षम है