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भारत की वो बाघिन… जिसने हर साल किया 65 करोड़ का बिजनेस, मिल चुका है लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड

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भारत की वो बाघिन जिसने हर साल 65 करोड़ का बिजनेस किया। जी हां, सुनने में आपको थोड़ा अटपटा लग रहा होगा, लेकिन यह सच है। इस बाघिन का नाम था 'मछली', वो इसलिए क्योंकि उसके चेहरे पर एक मछली जैसा निशान बना हुआ था। विकिपीडिया के मुताबिक, मछली नामक बाघिन का जन्म 1996 में हुआ था। दो साल की उम्र में उसने अपनी मां का इलाका छोड़ दिया और वो खुद शिकार करने लगी और अपना इलाका बनाने लगी। इस बाघिन को रणथम्बोर नेशनल पार्क में रखा गय, जो पूरी दुनिया में काफी मशहूर हुई।

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साल 2000 में 'मछली' बाघिन को बाघों की रानी, लेडी ऑफ लेक, मगरमच्छ को मारने वाली बाघिन और रणथम्बोर की रानी जैसे टाइटल से भी जाना जाता था। उसने 11 बाघों को जन्म दिया। इसमें से सात मादा और चार नर टाइगर थे। पार्क में बाघों की संख्या बढ़ाने में उसका काफी योगदान है। 60 फीसदी हिस्से का संबंध उसके वंश से ही है। उसके ही दो मादा शावकों को सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान में भेजा गया था ताकि वहां बाघों की संख्या में इजाफा हो। आपको बता दें कि कि मछली को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी मिल चुका है।

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ट्रैवल टूर ऑपरेटर्स के मुताबिक, वो हर साल करीब 65 करोड़ रुपये का बिजनेस देती थी। दुनिया में सबसे ज्यादा फोटो मछली के कैप्चर किए गए हैं। जानकारों की माने तो बंगाल टाइगर की उम्र 10 से 15 वर्ष होती है लेकिन मछली 20 साल की थी। बुढ़ापे में वो अपने सारे दांत लगभग खो चुकी थी। आखिरकार 18 अगस्त 2016 को जंगल की यह जंगल की रानी दुनिया को अलविदा कह गई। हिंदू रिति रिवाजों के साथ उसका अंतिम संस्कार किया गया।