महाराष्ट्र में सियासी खींचातानी जारी है। एक ओर गौहाटी में बैठे एकनाथ शिंदे सरकार को चुनौती दे रहे हैं तो वहीं उद्धव ठाकरे भी बगावत करने वाले विधायकों के खिलाफ सख्त एक्शन की चेतावनी दे रहे हैं। आज शिवसेना ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। ऐसे में पार्टी के 16 विधायकों को आयोग्य ठहराने को लेकर आज नोटिस जारी हो सकते है। इसके खिलाफ एकनाथ शिंदे गुट ने भी महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इन सब के बीच मुंबई पुलिस हाई अलर्ट पर है। जिसके बाद लोगों का मानना है कि महाराष्ट्र में कुछ बड़ा हो सकता है।
माना जा रहा है कि महाराष्ट्र का राजनीतिक संकट अभी कुछ और दिन तक जारी रह सकता है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि, अगर सैनिकों को हिंसा फैलाने से नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह केंद्र के लिए एक मौका हो सकता है। राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की जा सकती है। ऐसे में मौजूदा सरकार के पास सत्ता बनाए रखने का मौका नहीं होगा।
पुलिस को हाई अलर्ट पर रखने के बारे में महा विकास अघाड़ी सरकार में बिजली मंत्री नितिन राउत ने कहा है कि, इसके पीछे वजह है। उन्होंने कहा, अगर शिवसेना को कुछ होता है, तो मुंबई जल जाती है। जिस तरह से मुंबई में पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है, मेरा मानना है कि यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार बहाने के तौर पर सैनिकों की हिंसा का इस्तेमाल करके राष्ट्रपति शासन न लगा सके।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि, ठाकरे के खिलाफ इस तरह की बगावत को कोई भी सैनिक हल्के में नहीं ले सकता और वे किसी भी रूप में अपना गुस्सा जाहिर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि, जिस तरह का विद्रोह शिवसेना ने देखा है, कोई भी सैनिक इस विद्रोह को सामान्य रूप से नहीं लेगा और वे इसे पचा भी नहीं सकते हैं। इसे किसी भी रूप में व्यक्त किया जा सकता है।