कोरोना वायरस महामारी आने के बाद देश में स्वास्थ्य व्यवस्था को और भी मजबूत करने के लिए मोदी सरकार तमाम कोशिश कर रही हैं। इस कड़ी में भारत एक नई तकनीक पर काम कर रहा है। मोदी सरकार ऐसे अस्पताल बनाने जा रही हैं, जिसे हेलीकॉप्टर, रेल या फिर जहाज के जरिए कहीं भी पहुंचाया जा सकता हैं। इसमें हवा, पानी या फिर सड़क कहीं भी और कभी भी जरूरत पड़ने पर 24 घंटे के अंदर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया हो जाएंगी। इसमें जांच से लेकर उपचार, आईसीयू से लेकर वेंटिलेटर तक की सेवा उपलब्ध होगी।
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ये कंटेनर वाले अस्पताल 36 मीटर लंबे और 32 मीटर चौड़े होंगे, जिसमें ब्लड और रेडियो डायग्नोस्टिक सुविधा होगी। इसमें सामान्य, आईसीयू और वेंटिलेटर बिस्तरों के अलावा आइसोलेशन वार्ड भी बनाया जाएगा। इनके अलावा कंटेनर में ही डॉक्टर और नर्स का केबिन भी होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत ये अस्पताल स्थापित किए जाएंगे। इसका इस्तेमाल समुद्री तूफान, संक्रामक बीमारी, भूकंप आदि जैसी आपात स्थिति में किया जा सकेगा।
कंटेनर को इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि यह डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित रहे और मरीज को भी कंटेनर के बाहर दूर से देखा जा सके। कंटेनर अस्पताल की योजना के लिए तकनीक और चिकित्सा दोनों क्षेत्रों की मदद ली गई है। आईआईटी और दिल्ली एम्स के विशेषज्ञों ने मिलकर इस मॉडल पर काम किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि जिस तरह रेल के डिब्बों को जोड़ा जाता है, उसी तरह कई कंटेनर को आपस में जोड़ते हुए पूरा अस्पताल बनाया जा सकता है। महज चार सप्ताह में यह पूरा अस्पताल बन जाएगा और इसका मॉडल कोई भी हासिल कर सकता है।