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India में कोरोना के नए वेरिएंट का ज्यादा खतरा नहीं क्योंकि, ज्यादातर लगी है ये Vaccine- देखें आपको कौन सी लगी है…

ओमीक्रोन को पास भी भटकने नहीं देगी कोविशील्ड वैक्सीन

Omicron Variant: दुनिया में अब एक बार फिर कोरोना वायरस का खतरा बढ़ने लगा है। ब्रिटेन और अमेरिका में तो इस वेरिएंट ने तबाही मचा रखी है। ब्रिटेन में रिकॉर्ड मामले दर्ज किए गए हैं। एक दिन पहले यहां 2 घंटे के भीतर रिकॉर्ड 1 लाख 19 हजार के दर्स किए गए हैं। अमेरिका के भी लगभग हर राज्य में ओमिक्रॉन के मामले मिले हैं। इस बीच नए वेरिएंट से बचाव के लिए हर संभव कोशिश हो रही है। इसके लिए अध्ययन किए जा रहे हैं। इसके साथ ही ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (Oxford University Study) के अनुसंधानकर्ताओं के एक नए अध्ययन में बताया है कि कोविड-19 की एस्ट्राजेनेका और फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन ने ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ महत्वपूर्ण रूप से प्रतिरक्षा बढ़ाई है।

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स्टडी के मुताबिक, एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के बूस्टर डोज से ओमीक्रोन के खिलाफ एंटीबॉडी काफी बढ़ रही है। यानी की एस्ट्राजेनेका का बूस्टर डोज लगाने वालों को ओमीक्रोन संक्रमित नहीं कर पाएगा। भारत के लिए ये स्टडी बहुत ही खास है क्योंकि, देश में लग रहीं वैक्सीन में तकरीबन 90 प्रतिशत एस्ट्राजेनेका ही है। ब्रिटिश फार्मा दिग्गज एस्ट्राजेनेका ने गुरुवार को बाया कि उसकी कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज वेक्सजेवरिया (Vaxzevria) ने ओमीक्रोन के खिलाफ उच्च स्तर की एंटीबॉडी पैदा कर रही है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से की गई स्टडी में ये बात सामने आई है।

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एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने मिलकर बनाई है। और इसका उत्पादन सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) करती है। भारत में यही वैक्सीन कोविशील्ड ब्रैंड नाम से उपलब्ध है। देश में अबतक कोरोना की जितनी भी वैक्सीन लगी हैं, उनमें से करीब 90 प्रतिशत कोविशील्ड ही है। स्टडी के मुताबिक इसका बूस्टर डोज यानी 3 खुराक ले चुके 1 लोगों के बल्ड सैंपल का विश्लेषण किया गया। नतीजों की तुलना उन लोगों के ब्लड सैंपल से की गई जो कोरोना वायरस से संक्रमित होकर ठीक हो चुके थे। यानी जिनमें नेचुरल इम्यूनिटी थी। इसके लिए सिर्फ उन लोगों के सैंपल लिए गए जो कोरोना के चिंता बढ़ाने वाले वेरिएंट (जैसे अल्फा, डेल्टा आदि) से संक्रमित हुए हो। कुल मिलाकर स्टडी में ये बात सामने आई है कि इसकी बूस्टर डोल लेने पर नए वेरिएंट ओमीक्रॉन का खतरा कम हो जाता है।