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केरल की ट्रांसजेंडर ने पेश की मिसाल, पद्मा लक्ष्मी अपने समुदाय की बनीं पहली वकील

केरल की पहली ट्रांसजेंडर वकील बनीं पद्मा लक्ष्मी

केरल की रहने वाली पद्मा लक्ष्मी (Padma Lakshmi) राज्य की पहली ट्रांसजेंडर वकील बन गई हैं। उन्होंने समाज के सभी बंधनों और बाधाओं को तोड़ते हुए यह इतिहास रच दिया है। वे बतौर अधिवक्ता केरल की बार काउंसिल में शामिल हो गई हैं। पद्मा लक्ष्मी 1500 से ज्यादा लॉ ग्रेजुएट्स में से एक थीं।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा 19 मार्च को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें पद्मा लक्ष्मी को बार नामांकन प्रमाण पत्र सौंपा गया। सोशल मीडिया पर ये खबर जमकर वायरल हो रही है। पद्मा लक्ष्मी की कहानी ट्रांसजेंडर समुदाय के साथ-साथ लाखों देशवासियों को भी प्रेरित कर रही है।

केरल की पहली ट्रांसजेंडर वकील पद्मा लक्ष्मी कौन हैं

पद्मा लक्ष्मी ने फिजिक्स में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है। इसके अलावा लक्ष्मी भौतिकी में भी स्नातक की डिग्री होल्डर हैं। अपनी भौतिकी की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई करने का मन बनाया, जिसके लिए पद्मा लक्ष्मी ने एर्नाकुलम गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में दाखिला लिया। हाल ही में उन्होंने अपनी लॉ की डिग्री हासिल की और अब वे करेल प्रदेश की बार काउंसिल की सदस्य और वकील बन गई हैं। वैसे उनका न्यायिक सेवा परीक्षा क्रैक करने का उद्देश्य है।

केरल की पहली ट्रांसजेंडर वकील बनने पर प्रदेश के उद्योग मंत्री पी राजीव ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम और फेसबुक पेज पर लक्ष्मी को बधाई दी। उद्योग मंत्री ने मलयालम में एक पोस्ट करते हुए लिखा, “पद्मा लक्ष्मी को बधाई जिन्होंने जीवन की सभी बाधाओं को पार किया और केरल की पहली ट्रांसजेंडर वकील बनीं। पहला बनना हमेशा कठिन होता है। लक्ष्य के रास्ते में कोई-न-कोई रुकावट आते रहती है। बाधाएं होंगी, लोगों की चुप्पी होगी, निराशा होगी। लेकिन पद्मा लक्ष्मी ने इन सब पर काबू पाकर कानूनी इतिहास में अपना नाम लिखा है।”

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