Hindi News

indianarrative

PoK में ISI ने की आतंकियों के साथ मीटिंग, आंतकी हमले की रची गई साजिश, निशाने पर आम लोग और सुरक्षा बल

courtesy google

पाकिस्तान भारत के खिलाफ साजिशों को अंजाम देता आया है। इस कड़ी में एक बड़ी खबर का खुलासा हुआ है कि इसी साल सितंबर महीने में आईएसआई ने पीओके के मुजफ्फराबाद में आंतकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद समेत कई आतंकियों के टॉप कमांडर्स के साथ बैठक की थी। बैठक में 200 से ज्यादा आतंकी शामिल हुए थे। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर में पुलिस और सुरक्षाबलों के साथ-साथ आम लोगों को निशाना बनाने की साजिश रची गई थी।  बैठक में आईएसआई ने कहा- 'नए-नए नाम से गुट बनाकर जम्मू-कश्मीर में हमले करें और आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने से बचें।'

यह भी पढ़ें- Vastu Tips: छोटी सी 'हींग' तांत्रिकों के तंत्र-मंत्र पर पड़ती है भारी, इन उपायों को घर की बुरी शक्तियों का करें नाश  

जिम्मेदारी लेने से बचने के पीछे का मकसद पाकिस्तान डर है। दरअसल, पीओके, LeT और JeM जैसे गुट पाकिस्तान से संचालित होती है। ऐसे में पाकिस्तान को डर है कि उस पर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की कार्रवाई हो सकती है। पाकिस्तान अभी एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में पुलिस की बस पर हुए आतंकी हमला हुआ था। जिसमें लश्कर का हाथ होने का शक जताया गया था लेकिन इस हमले की जिम्मेदारी 'कश्मीर टाइगर' नाम के एक गुट ने ली।

यह भी पढ़ें- 5 दिन बाद पलटने वाले है इन राशियों के दिन, सूर्य ग्रह लेकर आ रहे दौलत-शान-शौकत से भरा तोहफा

जानकारी के मुताबिक, मुजफ्फराबाद में हुई बैठक में आईएसआई ने आतंकी गुटों को करीब 200 लोगों की लिस्ट भी सौंपी थी, जिन पर हमले करने को कहा गया। इस लिस्ट में कश्मीरी पंडितों के साथ-साथ पत्रकारों पर भी हमले के निर्देश दिए गए थे। आईएसआई ने सभी आतंकी गुटों से कहा कि हमले के लिए ऐसे आतंकियों का इस्तेमाल किया जाए जिनका पहले से कोई टेरर रिकॉर्ड न हो जिससे दुनिया को ये दिखाया जा सके कि ऐसे हमलों में पाकिस्तान का कोई हाथ नहीं है। आपको बता दें कि कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों की नजर 'पार्ट टाइम आतंकियों' पर है। ये आतंकी घटना को अंजाम देने के बाद गायब हो जाते है। ऐसे में इन्हें पकड़ना मुश्किल होता है।