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गुलाम कश्मीर (POK) में पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने निहत्थे लोगों की भीड़ पर बरसाईं गोलियां

PoK में निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों ने दागीं गोलियां

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (Pok) और बलूचिस्तान की स्थिति बेहद ही खराब है। पाकिस्तान की सरकार यहां की जनता को इनके मूल सुविधाओं से वंचित रखी है। बलूचिस्तान में पाकिस्तानी आर्मी कभी भी किसी को भी उठा कर ले जाती है और बाद में उसकी लास तक नहीं मिलती। यहां के लोग अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। पाकिस्तान सरकार के खिलाफ यहां लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन, पाकिस्तान पुलिस ने खुलेआम इन प्रदर्शनकारियों पर गोली चाल दी है, जिसमें कई लोग घायल हो गए हैं। यहां तक की गोली चलाने से पहले पाक पुलिस ने लोगों को एक बार चेतावनी तक नहीं दिया। पाकिस्तान का यही असली चेहरा है, दुनिया के सामने सच्चाई आने से डर के चलते पाकिस्तान यहां के लोगों के साथ अन्याय कर रहा है।

कंगाली की राह पर पाकिस्तान में बहुत जल्द ही श्रीलंका वाले हालात देखने को मिल सकते हैं। ऐसे में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अविश्वसनीय रूप से उच्च मुद्रास्फीति और मानवाधिकारों के मुद्दों के खिलाफ लोगों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। ऐसे में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर बिना चेतावनी के ही फायरिंग शुरू कर दी। इसके साथ ही अब 65लोगों को उठा कर ले गई है।

रिपोर्टों के अनुसार, पीओके के पुंछ में पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं और कई घायल हो गए। रिपोर्टों में कहा गया है कि पुंछ में, स्थानीय लोगों पर पाकिस्तानी बलों ने उस समय गोलियां चलाईं जब वे गुरुवार को मुख्य राजमार्ग पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। कई प्रदर्शनकारी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं लेकिन मरने वाले प्रदर्शनकारियों की संख्या का अभी तक अधिकारियों ने खुलासा नहीं किया है।

बता दें कि, Pok और बलूचिस्तान के लोग अपने हक की मांग कर रहे हैं। जुलाई की शुरुआत में पीओके में पाकिस्तान के खिलाफ जमकर प्रदर्शन हुआ। आजादी के नारे लगाते हुए लोग सड़कों पर उतर आए और संयुक्त राष्ट्र की गाड़ी के सामने पाकिस्तान फौज वापस जाओ के नारे लगाए। लोगों ने, 'हमें चाहिए आजादी और कश्मीर में कत्लेआम बंद करो के नारे लगाए।' स्थानीय अखबार ने बताया था कि कई संस्थाओं के समर्थन से गिलगिट, स्कार्दू और कुछ अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए।