प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद जब नोबेल पुरस्कार बांटा गया तो चेहरे अलग नजर आए। केंद्र में पीएम मोदी की सरकार आने के बाद से जब नोबेल पुरस्कार दिया गया तो उसमें वो भी चेहरे नजर आए जो देश के लिए बेहद अहम थे लेकिन, किसी कोने में दब कर रह गए थे। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पहचाना और उनके कामों को दुनिया के सामने उजागर किया। आज भी देश के कोने-कोने में कई लोग ऐसे हैं जो अपनी मातृभूमी के लिए पूरी जिवन कूर्बान कर दिया है। देशहित के लिए जी रहे हैं। एसी ही हैं एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) जो बेहद ही आम हैं। दिल्ली सफर से पहले वो ओडिशा के मयूरभंज दिले के आदिवासी बहुल अपने इस कस्बे में स्थित शिवमंदिर में सुबह सुर्योदय से पहले झाड़ू लगाई। ये उनकी नियमित दिनचर्या का हिस्सा है। वो सुबह ही 3-4 बजे उठ जाती हैं और मंदिर को साफ कर पूजा-पाठ करती हैं। मुर्मू अगस्त 2021 में झारखंड के राज्यपाल पद से रिटायर होने के बाद यहां लौट आई थीं और तब से ही वो मंदिर में झाडू लगाती हैं।
द्रौपदी मुर्मू को मोदी सरकार ने दी Z+ सुरक्षा
NDA की राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी के रूप में नाम सामने आने के बाद भी स्थानी लोगों ने देखा कि उनके हाथों में अब भी झाडू है और सुबह तीन से चार बजे के करीब मंडिर में झाडू लगा रही हैं। अन्य दिनों की तरह ही वह स्नान करने के बाद मंदिर में पूजा करने आईं और भगवान शिव के वाहन नंदी के कान में कुछ कहा जो कि एक सामान्य चलन है। उस वक्त सैकड़ों की संख्या में लोग जमा थे। राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी के बाद मोदी सरकार ने उन्हें जे प्लस सुरक्षा मुहैया कराई है।
#WATCH | Odisha: NDA's presidential candidate Draupadi Murmu sweeps the floor at Shiv temple in Rairangpur before offering prayers here. pic.twitter.com/HMc9FsVFa7
— ANI (@ANI) June 22, 2022
64 वर्षीय मुर्मू की सुरक्षा बुधवार तड़के कमांडों ने अपने हाथ में ली। मुर्मू जब सुबह मंदिर गईं तो हतप्रभ रह गई कि सुबह होने के बावजूद बड़ी संख्या में लोग वहां मौजूद थे। मंदिर से लौटने के बाद वो अपने आवाज पर गई जहां उन्होंने ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (BJD) सहित विभिन्न दलों के नेताओं और लोगों से मुलाकात की। हालांकि, विपक्षी कांग्रेस के नेता उनके आवास पर नहीं दिखे।