ओडिशा की सुंदर गंधमर्दन पहाड़ी श्रृंखला, जो बलांगीर और बरगढ़ जिलों के बीच स्थित है, को राज्य सरकार द्वारा जैव विविधता विरासत स्थल घोषित किया गया है। यह ओडिशा में इस तरह की तीसरा स्थल है, अन्य दो स्थल क्रमश: गजपति और कंधमाल ज़िलों में स्थित महेंद्रगिरि पहाड़ियों और मंदसरू गॉर्ज हैं।
औषधीय पौधों के ख़ज़ाने के रूप में इस जैव विविधता विरासत स्थल को ओडिशा के आयुर्वेदिक स्वर्ग के रूप में जाना जाता है और यह बरगढ़ में 12,431 हेक्टेयर और बलांगीर में 6,532 हेक्टेयर को मिलाकर 18,963 हेक्टेयर में फैला होगा। वर्षों से पारंपरिक ज्ञान के चिकित्सक विभिन्न रोगों और बीमारियों के लिए दवा बनाने के सिलसिले में इस क्षेत्र से जंगली औषधीय पौधों का संग्रह करते रहे हैं।
इन पहाड़ियों के जैविक संसाधनों के दीर्घकालिक संरक्षण, सुरक्षा और प्रबंधन के उद्देश्य से ही जैव विविधता विरासत स्थल घोषित किया गया है, क्योंकि इसका व्यापक पारिस्थितिक, जैविक और सामाजिक-आर्थिक महत्व है। ओडिशा जैव विविधता बोर्ड ने राज्य सरकार से इस संकटग्रस्त और पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील परिदृश्य को एक जैव विविधता विरासत स्थल घोषित करने के लिए कहा था।
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📍 Gandhamardhan Hills Bargarh (Odisha)
ଗନ୍ଧମାର୍ଦ୍ଦନ ପର୍ବତ,ବରଗଡ଼@Happy_Bargarh
Vc:- Nsd Shreyans pic.twitter.com/ThtkzQaIa8
— Papun Sarangi 🎯 (@papunsarangi582) August 3, 2022
इसके साथ ही इस पर्वत श्रृंखला में पारिस्थितिकी तंत्र के वनस्पतियों और जीवों की एक विस्तृत सूची बनायी गयी। यह पाया गया कि इसमें पौधों की 1,200 प्रजातियां और जानवरों की 500 प्रजातियां थीं। अध्ययन में 209 पेड़, 135 झाड़ियां, 473 जड़ी-बूटियां, 77 पर्वतारोही और औषधीय पौधों की 300 प्रजातियां भी पायी गयी थीं, जिनमें से 18 प्रजातियां खतरे में हैं, जबकि एक स्थानिक है।
समृद्ध वनस्पतियों और जीवों के अलावा, यह पहाड़ी दो ऐतिहासिक स्मारकों को भी समेटे हुए है। ये हैं- नृसिंहनाथ मंदिर, जो इसके उत्तरी ढलान पर स्थित है और दक्षिणी ढलान पर हरिशंकर मंदिर। इन दोनों का अत्यधिक सांस्कृतिक महत्व और मूल्य है।
मानव और जलवायु सम्बन्धी कारकों के कारण और पौधों के बारे में पारंपरिक ज्ञान के भी कम होते जाने के कारण ओडिशा जैव विविधता नियम, 2012 के अनुसार इस क्षेत्र को जैव विविधता विरासत स्थल के रूप में घोषित करना उचित समझा गया। 2022 में महेंद्रगिरि को अधिसूचित किया गया था, जबकि 2019 में मंदसरू को अधिसूचित किया गया था।