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चीन-पाक के फेर में फंस गए Rahul Gandhi, विदेश मंत्री जयशंकर ने खोले इतिहास के पन्ने, कहा- याद है या भूल गए

चीन-पाकिस्तान पर घेर उलटा फंसे Rahul Gandhi

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अपनी बात रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने, चीन और पाकिस्तान के साथ आने और जम्मू-कश्मीर में बड़ी राजनीतिक गलती करने का भी आरोप लगाया। जिसके जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उन्हें इतिहास की याद दिलाते हुए जमकर लताड़ लगाई। विदेश मंत्री ने राहुल गांधी को वर्ष इतिहास पढ़ाते हुए 1963, 1970 और 2013 के बारे में बताया कि इस वक्त क्या-क्या हुआ था।

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दरअसल, राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला होलते हुए कहा कि, गलत नीतियों के कारण ही भारत इस समय हर तरफ से विरोधियों से घिरा हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, भारत का रणनीतिक लक्ष्य चीन और पाकिस्तान को अलग रखना होना चाहिए था, लेकिन आपने जो किया है उसने दोनों देशों को साथ ला दिया है। हम जिस स्थिति का सामना कर रहे हैं उसे कम मत समझिए। यह भारत के लिए एक गंभीर खतरा है। उन्होंने पीएम मोदी से कहा कि, वो अपने आप से पूछें कि गणतंत्र दिवस पर आपको मेहमान क्यों नहीं मिल पा रहे हैं। आज भारत पूरी तरह से अलग-थलग और घिरा हुआ है। हम श्रीलंका, नेपाल, बर्मा, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन से घिरे हुए हैं। हर जगह हम घिरे हुए हैं. हमारे विरोधी हमारी स्थिति को समझते हैं।

राहुल गांधी के इन्हीं बयानों पर पाठ पढ़ाते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा कि हमें गणतंत्र दिवस पर कोई विदेशी मेहमान नहीं मिला। "जो लोग भारत में रहते हैं वो जानते हैं कि हम एक कोरोना महामारी से गुजर रहे हैं। 5 मध्य एशियाई राष्ट्रपति, जो आने वाले थे उन्‍होंने 27 जनवरी को एक आभासी शिखर सम्मेलन आयोजित किया था। क्या राहुल गांधी को ये बात याद नहीं है"।

इसके आगे विदेश मंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा कि, राहुल गांधी ने लोकसभा में आरोप लगाया कि यह सरकार की गलत नीति है जिसके कारण पाकिस्तान और चीन को एक साथ आ गए हैं तो शायद, कुछ इतिहास के बारे में उन्‍हें जानने की जरूरत है।

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-1963 में पाकिस्तान ने गैरकानूनी तरीके से शक्सगाम वैली चीन को सौंप दी।

-चीन ने 1970 के दशक में पीओके के ज़रिए काराकोरम हाईवे का निर्माण किया था

-1970 के दशक से दोनों देशों के बीच करीबी परमाणु सहयोग भी है

-साल 2013 में चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर की शुरुआत हुई तो, खुद से पूछें कि क्या तब चीन और पाकिस्तान दूर थे?” इसके बाद उन्होंने लिखा कि तो, अपने आप से पूछें: क्या तब चीन और पाकिस्तान दूर थे?