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पाकिस्‍तान-चीन ने दिया धोखा तो रूस की शरण में पहुंचा ये देश! अब सुखोई-30 पर लगाया दांव

Myanmar JF 17 Vs Su 30SME Fighter Jets

पाकिस्तान और चीन (pakistan-china) उन देशों में से जो कभी किसी के लिए न तो अच्छा सोच सकते न किसी का भला कर सकते। आलम यह है कि चीन और पाकिस्तान अपने फायदे के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं और अक्सर दोनों किसी न किसी देश को देखा देते दिख जाते हैं। इसी कड़ी में अब पाकिस्‍तान और चीन के JF-17 फाइटर जेट ने म्‍यांमार को चकमा दिया है जिसके बाद म्‍यांमार ने रूस के सुखोई फाइटर जेट पर दांव लगाया है। जी हां म्‍यांमार की सत्‍ता पर कब्‍जा करने वाली सेना विद्रोहियों को सुखोई जेट के जरिए कुचलना चाहती है। इससे पहले पाकिस्‍तान से खरीदे गए जेएफ-17 फाइटर जेट बेकार निकल गए थे।

दरअसल, इस समय आंग सांग सू की समर्थकों के भीषण हमले का सामना कर रहे म्‍यांमार ने रूस से सुखोई-30SME फाइटर जेट खरीदा है। म्‍यांमार की वायुसेना को दो फाइटर जेट मिल भी गए हैं और जल्‍द ही 4 और फाइटर जेट भी रूस उसे दे देगा। म्‍यांमार ने पाकिस्‍तान और चीन के कबाड़ बन चुके जेएफ-17 फाइटर जेट के धोखा देने के बाद अब रूस से यह लड़ाकू विमान खरीदा है। म्‍यांमार से पहले भारत बड़े पैमाने पर सुखोई-30 फाइटर जेट का इस्‍तेमाल कर रहा है।

इस बीच म्‍यांमार की सैन्‍य सरकार के व्‍यापार मंत्री चार्ली चान ने सुखोई-30 विमान मिलने की पुष्टि की है और उन्‍होंने रूस में इस डील का ऐलान किया। इससे पहले साल 2022 में म्‍यांमार के एक जनरल जा मिन तून ने खुलासा किया था कि उन्‍होंने रूस के साथ इस विमान की डील की है। सुखोई-30 विमान अपनी एयर डिफेंस मिसाइल सिस्‍टम के लिए जाने जाते हैं। दुश्‍मन के कब्‍जे वाले इलाके में घुसकर हमला करने की क्षमता रखते हैं। यह विमान हवाई कलाबाजी में काफी माहिर हैं और वह दुश्‍मन के व‍िमानों को भी मात दे सकता है।

पाकिस्‍तानी विमान म्‍यांमार के लिए बने

भारतीय वायुसेना भी सुखोई 30 एमकेआई वर्जन का इस्‍तेमाल बड़े पैमाने पर करती है। साल 2021 में सत्‍तापलट के बाद म्‍यांमार की सेना खुद को मजबूत करने के लिए लगातार रूस से हथियार खरीद रही है। वह भी तब जब अमेरिका ने म्‍यांमार को हथियार देने पर चेतावनी दी है और कई तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं। व‍िशेषज्ञों के मुताबिक म्‍यांमार की वायुसेना अब इन सुखोई व‍िमानों की मदद से आसानी से अपने विरोध‍ियों पर हवाई हमला कर सकेगी। हालांकि इसका बहुत ज्‍यादा असर व‍िद्रोही सैनिकों पर नहीं होगा।

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व‍िशेषज्ञों के मुताबिक सुखोई एक भारी वजन वाला और दो इंजन से लैस विमान है जो बहुत तेजी से हमले नहीं कर पाएगा। इस तरह की कार्रवाई के लिए म्‍यांमार को सिंगल इंजन फाइटर जेट की जरूरत है। हालांकि उसे सुखोई से कुछ राहत जरूर मिल जाएगी। म्‍यांमार ने इससे पहले चीन और पाकिस्‍तान के बनाए जेएफ-17 फाइटर जेट को खरीदा था लेकिन वे बेकार निकले। म्‍यांमार के सारे JF-17 फाइटर जेट खड़े हैं और पाकिस्‍तान उसे ठीक नहीं कर पा रहा है। पिछले दिनों म्‍यांमार के सेना प्रमुख ने पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख को कड़ी चेतावनी भी दी थी। म्‍यांमार ने पाकिस्‍तान के आका चीन को भी जमकर सुना दिया था।