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भारत विरोधी सूचना युद्ध में शामिल एक और खालिस्तानी समर्थक नेटवर्क  

सतलुज नेटवर्क के संस्थापक टोनी मंगत

खालिस्तान समर्थक समूहों द्वारा भारत के खिलाफ शुरू किए गए सूचना युद्ध में सतलुज नेटवर्क इस समूह में शामिल नया नेटवर्क है।

एरिज़ोना के व्यवसायी टोनी मंगत द्वारा स्थापित नेटवर्क भारत के ख़िलाफ़ ज़हर उगलता है, जिसमें पंजाब का अलगाव इसकी उल्लेखनीय थीम है। हाल ही में इस नेटवर्क ने भारतीय अधिकृत पंजाब (IOP) वाक्यांश को भारत अधिकृत कश्मीर (IOK) या भारत अधिकृत जम्मू और कश्मीर (IOJK) के रूप में गढ़ा है, जिसे कि पाकिस्तान ने गढ़ा हुआ था।

18 मार्च से खालिस्तान समर्थक संगठन वारिस पंजाब दी के नेता अमृतपाल सिंह के ख़िलाफ़ भारी कार्रवाई के बाद सतलुज टीवी ने बार-बार आईओपी का संदर्भ देना शुरू कर दिया है।

23 मार्च के एक वीडियो एंकर जिंजर जेफ़रीज़ में न केवल IOP का ज़िक़्र किया, बल्कि ज़ोरदार ढंग से अमृतपाल सिंह की प्रशंसा भी की। यह पंजाब में मादक पदार्थों की लत के ख़िलाफ़ एक योद्धा के रूप में सिंह की सराहना करता है, और यह आरोप लगाता है कि उनके नशीले पदार्थों के ख़िलाफ़ अभियान ने भारत सरकार को परेशान कर दिया है। वीडियो आसानी से उन वीडियोग्राफ़िक सबूतों को नज़रअंदाज़ कर देता है, जो अमृतपाल के समूह को नशामुक्ति की आड़ में युवाओं की भर्ती करते और उन्हें आनंदपुर साहिब फ़ौज (एएसएफ) के सशस्त्र उग्रवादियों के रूप में प्रशिक्षित करते हुए दिखाते हैं।

इसके बाद जेफ़रीज़ ने यह दावा किया कि सुरक्षा बलों ने इस कार्रवाई में 1,000 से अधिक लोगों को गिरफ़्तार किया था, जबकि गिरफ़्तार किये गये लोगों की कुल संख्या 110 से अधिक नहीं थी। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि अमृतपाल सिंह को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसका अर्थ है कि उन्हें उनकी बुनियादी नागरिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों से वंचित किया जा रहा है।

ज़ाहिर है कि सतलुज नेटवर्क के संस्थापक कट्टर खालिस्तानी समर्थक हैं। मंगत ग्रुप टोनी मंगत के स्वामित्व में है, जिसका व्यवसाय फ़िल्म निर्माण, रियल एस्टेट और ट्रकिंग से फैला हुआ है।

सह-संस्थापक सुरिंदर सिंह का एक दिलचस्प अतीत है। उनके लिंक्ड-इन प्रोफ़ाइल के अनुसार, सुरिंदर ने पंजाबी विश्वविद्यालय से स्नातक किया है, और मार्च 2006 में एएनआई में अपना करियर शुरू किया था। एक साल से भी कम समय के बाद वह ग्लोबल पंजाब में स्थानांतरित हो गया। जनवरी, 2011 में वह दो साल बाद ग्लोबल पंजाब टीवी (यूएसए) में जाकर डे एंड नाइट न्यूज चैनल में शामिल हो गए। इसके साथ ही उसने जून 2022 में सतलुज नेटवर्क में मंगत के साथ जुड़ने से पहले टॉकिंग पंजाब लॉन्च किया था।

ऑपइंडिया के एक लेख के अनुसार, सिंह की लिंक्डइन प्रोफ़ाइल कहती है कि उसने “जून 1984 में सिखों पर हुए हमले” पर 67 घंटे की एक ऑडियो डॉक्यूमेंट्री बनायी थी। यह आगे स्वीकार करता है कि वह अब तथाकथित “पंजाब स्वतंत्रता संग्राम” को कवर करने वाले एक स्वतंत्र समाचार विश्लेषक के रूप में काम कर रहा है।

सिंह ने एक सीमित टीवी सीरियल “एंड दे ऑक्यूपाइड मी” लिखी और निर्देशित की है, जिसे मंगत समूह ने निर्मित किया है। इस सीरियल का प्रीमियर पिछले अप्रैल में लागोस में रॉयल कोको इंटरनेशनल फ़िल्म फ़ेस्टिवल में हुआ था। नौ-एपिसोड की यह सीरीज़ 1984 के सिख नरसंहार पर आधारित है।