आयुष गोयल
गुरुग्राम:पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के लिए बेअंत सिंह और गृह मंत्री अमित शाह के लिए इंदिरा गांधी के हस्र की अजनाला में जारी धमकियों ने खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल को राष्ट्रीय ख़तरा बना दिया। पंजाब पुलिस द्वारा एनएसए सलाहकार बोर्ड को सौंपे गए डोजियर में उसके नफ़रत फैलाने वाले भाषणों, देश की संप्रभुता को कमज़ोर करने और इस कट्टरपंथी नेता और उसके सहयोगियों के ख़िलाफ़ कड़े अधिनियम एनएसए को लागू करने के आधार के रूप में गृह युद्ध शुरू करने की योजना का हवाला दिया गया है।
हालांकि, इन आरोपों का खंडन उस शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की क़ानूनी टीम ने कर दिया है, जो सिंह और वारिस पंजाब दी से जुड़े 9 अन्य लोगों का प्रतिनिधित्व करती है और ये सबके सब इस समय डिब्रूगढ़ जेल में हिरासत में है।सके साथ गए एक अन्य वकील सिमरनजीत सिंह ने कहा, “यह सब राजनीति से प्रेरित है। एक भी आरोप साबित होने पर वे सज़ा भुगतने को तैयार हैं। कोई अपराध इतिहास नहीं था, कोई जघन्य अपराध नहीं था, लेकिन फिर भी सभी पर एनएसए लगाया गया और हम इसका मुक़ाबला करेंगे। गिरफ़तार किए गए लोगों की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है। यह निश्चित रूप से एक साजिश है, क्योंकि उन पर एनएसए के तहत मामला दर्ज करने का कोई कारण नहीं है। अमृतपाल नशीली दवाओं के दुरुपयोग के ख़िलाफ़ अभियान चला रहा था और सिख धर्म के सिद्धांतों का प्रचार करने में भी लगा हुआ था। हमने उनके ख़िलाफ़ एनएसए के तहत आरोपों को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय में अपील की है और सुनवाई की अगली तारीख़ 1 मई तय की गयी है।” । दोनों ने जेल में जांच एजेंसियों द्वारा गिरफ़्रतार किए गए सभी लोगों के साथ उचित व्यवहार की पुष्टि की। उन्हें पंजाबी और उत्तर भारतीय खाना भी परोसा जा रहा है।
वकीलों के साथ अमृतपाल के चाचा सुखचैन सिंह सहित परिवार के सदस्य भी थे। परिवारों ने इस बात का विरोध किया कि गिरफ़्तार किए गए लोग एकमात्र कमाने वाले सदस्य हैं और गिरफ़्तारी के बाद उन्हें गंभीर आर्थिक संकट के हवाले कर दिया गया है। इस बीच, इंटेलिजेंस ब्यूरो और पंजाब पुलिस की एक विशेष संयुक्त टीम अमृतपाल सिंह से पूछताछ कर रही है, जिसे यहां लाये जाने के बाद से जेल में एकांत कारावास में रखा गया है। सूत्रों का दावा है कि उनसे मुख्य रूप से बब्बर खालसा और आईएसआई के साथ संबंधों को लेकर पूछताछ की जा रही है। जांचकर्ता सिंह के उन कथित आकाओं का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्होंने उसे पंजाब में बनाये रखा था। सूत्र यह भी बताते हैं कि उनके क़रीबी सहयोगी और पंजाबी अभिनेता दलजीत सिंह कलसी, जिन्हें गुरुग्राम से गिरफ़्तार किया गया था, उससे विदेशी फ़ंडिंग के बारे में पूछताछ की जा रही है क्योंकि वह इसकी व्यवस्था करने की महत्वपूर्ण कड़ी थे। हाई सिक्योरिटी जेल में बंद इन नौ बंदियों में दलजीत सिंह कलसी, पापलप्रीत सिंह, कुलवंत सिंह धालीवाल, वरिंदर सिंह जौहल, गुरमीत सिंह बुक्कनवाला, हरजीत सिंह, भगवंत सिंह, बसंत सिंह और गुरिंदरपाल सिंह औजला शामिल हैं।