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गुजरात से BJP को हटा पाना कांग्रेस के बस का नहीं, मायूस होकर दिल्ली लौटेगी AAP!

Gujarat Election SWOT Analysis

Gujarat Election: गुजरात इलेक्शन की तारीखों का ऐलान हो चुका है और सारी राजनीतिक पार्टियां जोरों सोरों से लग गई हैं। इस बार तो आम आदमी पार्टी भी गुजरात (Gujarat Election) में दिलचस्पी दिखा रही है और जनता को एक से एक लुभावने वादे कर अपनी ओर बुलाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस, आप के साथ ही हर विपक्षी पार्टियों का एक ही मकसद है बीजेपी को हराना। भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार गुजरात चुनाव (Gujarat Election) का रिजल्ट 8 दिसंबर को आयेगा। इस बार कांग्रेस के साथ आप भी पूरी कोशिश में है बीजेपी को उखाड़ फेंकने में। जिसके चलते ये चुनाव दिलचस्प होता नजर आ रहा है। बीजेपी पिछले 27 सालों से राज्य में राज कर रही है।

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इस बार आसान नहीं होगा बीजेपी के लिए
BJP बीते 27 सालों से राज्य में सत्ता में है। इस चुनाव में वह इस सफर को 32 सालों के आंकड़े तक ले जाना चाहेगी। हालांकि, राज्य में लगातार 7वीं जीत एकदम आसान नहीं होगी। गुजरात चुनाव SWOT (स्ट्रेंथ, वीकनेस, ऑपोर्च्युनिटीस, थ्रेट्स) ने एनालिसिस तैयार किया है। जिसमें बताया गया है कि, कौन सी पार्टी सत्ता में आएगी और साथ ही कमजोरियां और उसके लिये खतरे क्या-क्या होंगे।

दो चरण में होंगे मतदान
गुजरात में 182 सीटों वाली विधानसभा के लिए दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण में 89 सीटों पर वोटिंग 1 दिसंबर को होगी। जबकि, मतदाता दूसरे चरण में 93 सीटों पर 5 दिसंबर को वोट डालेंगे। मतगणना हिमाचल प्रदेश के साथ ही 8 दिसंबर को होगी। पहाड़ी राज्य में 12 नवंबर को मतदान होगा।

पार्टी के सामने क्या होंगे खतरे
सबसे पहले बीजेपी के सामने आने वाले खतरों के बारे में बात करते हैं।
– पार्टी के लिए सबसे बड़ा खतरा हाल ही में मोरबी में हुआ पुल हादसा है। जो बीजेपी पर असर डाल सकता है।
– खबरें हैं कि मजबूत केंद्रीय नेतृत्व के चलते भाजपा में आंतरिक कलह अब तक छुपी हुई है, लेकिन हार की स्थिति में दरारें खुलकर सामने आ सकती हैं।
– अगर हालात हंग असेंबली के बनते हैं तो पार्टी को राज्य में बहुमत हासिल करने के लिए गठबंधन के साथी को खोजने में मुश्किलें हो सकती हैं।
– AAP कुछ जगहों पर सीटों जीतती है तो फिर BJP के सामने नई चुनौतियां आ सकती हैं। वैसे भी साल 2002 से भाजपा का सीटों का आंकड़ा लगातार गिर रहा है।

BJP की ये हैं कमजोरियां
अब गुजरात में बीजेपी की कमजोरियों के बारे में बात करें तो, कहा जा रहा है कि- भाजपा के पास ऐसा कोई दिग्गज नेता मौजूद नहीं है, जो पीएम मोदी की जगह ले सके
– पीएम मोदी 13 सालों तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे, उनके बाद गुजरात में अबतक 3 मुख्यमंत्री बने।
– आप और कांग्रेस की ओर से भ्रष्टाचार के आरोपों का भी असर पड़ सकता है।
– साथ ही महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक तनाव के चलते भी बीजेपी को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है

BJP की गुजरात में ताकत
– गृहराज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी भाजपा के लिए तुरुप का इक्का साबित हो सकता है।
– साल 2017 में कोटा आंदोलन के दौरान पाटीदार समुदाय की तल्खी का सामना कर चुकी भाजपा इस बार समुदाय के साथ संपर्क पर भी भरोसा कर रही है। इसमें भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया जाना और आंदोलन के बड़े चेहरे रहे हार्दिक पटेल को पार्टी में लाना फायदेमंद साबित हो सकता है।
– गुजरात में चुनाव की तैयारियां भाजपा के पक्ष में काम कर सकती हैं। खबर है कि पार्टी बूथ स्तर से संगठन तक मजबूत है।
– सत्तारूढ़ दल हिंदुत्व, विकास और ‘डबल इंजन’ के विकास के मुद्दे पर गुजरात में मजबूत दावेदारी पेश कर रहा है।

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विपक्ष के चलते BJP को मिलेगा मौका
– रिसर्च के मुताबिक गुजरात में कमजोर विपक्ष के चलते भाजपा को लगातार 7वीं जीत हासिल हो सकती है।
– रिपोर्ट की माने तो राज्य में विपक्ष की भूमिका निभा रहे कांग्रेस के नेता अभियान से गायब हैं।
– कई तो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में जुटे हुए हैं।