भारत में बने विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत (Vikrant) पर मंगलवार को तेजस लड़ाकू विमान की पहली बार लैंडिंग हुई। भारतीय नौसेना के इतिहास में यह एक प्रमुख मील का पत्थर है जिसे आज हासिल किया गया। तेजस विमान भी भारत में ही विकसित हुआ है। इस हल्के लड़ाकू विमान के नौसेना प्रारूप को सोमवार को विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर उतारा गया था, जिसे सशस्त्र बल ने रक्षा विनिर्माण में भारत की आत्मनिर्भरता के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि इससे अलग, रूस निर्मित मिग-29 के विमान को भी भारत के प्रथम स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत (Vikrant) पर उतारा गया। आईएनएस विक्रांत से एलसीए के उड़ान भरने और उस पर सफलतापूर्वक उतारे जाने से नौसेना के लिए महत्वाकांक्षी दोहरे इंजन वाले ‘डेक’ आधारित लड़ाकू विमान के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के विकास और विनिर्माण का मार्ग प्रशस्त होने वाला है।
नौसेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘‘नौसेना के पायलटों द्वारा एलसीए (नेवी) को आईएनएस विक्रांत पर उतारे जाने के साथ भारतीय नौसेना ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की।’’ बयान में कहा गया है कि एलसीए को आईएनएस विक्रांत पर उतारे जाने से स्वदेशी लड़ाकू विमान के साथ स्वदेशी विमानवाहक पोत डिजाइन, विकसित और निर्मित किये जाने की भारत की क्षमता प्रदर्शित हुई है। पिछले साल सितंबर में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रथम स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को नौसेना की सेवा में शामिल किया था।