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कश्मीर में अलगाववाद को पुनर्जीवित करने की साज़िश में हुर्रियत के पूर्व प्रमुख प्रोफ़ेसर गनी के बेटे समेत 10 पर मामला दर्ज

जेकेएलएफ-हुर्रियत पुनरुद्धार साज़िश मामले में अब तक 10 आरोपियों को औपचारिक रूप से गिरफ़्तार

अहमद अली फ़ैयाज़  

श्रीनगर: रविवार को एक होटल में बैठक करने के बाद श्रीनगर ज़िला पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए 43 अलगाववादियों में से 10 पर अलगाववादी हुर्रियत कॉन्फ़्रेंस और प्रतिबंधित जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ़्रंट (जेकेएलएफ)को पुनर्जीवित करने के प्रयास के आरोप में मामला दर्ज किया गया और औपचारिक रूप से गिरफ़्तार कर लिया गया।

ग़ैर-क़ानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 121-ए के तहत इस ताज़ा मामले में जिन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, उनमें हुर्रियत के पूर्व अध्यक्ष प्रोफ़ेसर अब्दुल गनी भट के बेटे, जहांगीर अहमद भट और पूर्व आतंकवादी यासीन भट शामिल हैं, जो पहले जेकेएलएफ़ की छात्र शाखा से जुड़े थे। जेकेएसएलएफ और इख़्वानुल मुस्लिमीन और 1991 में कई हाई प्रोफ़ाइल अपहरणों में शामिल था।

सूत्रों ने बताया कि निवर्तमान हुर्रियत अध्यक्ष मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ के जनसंपर्क प्रभारी सईद-उर-रहमान शम्स 1985 से कश्मीर में रह रहे हैं, उस पर भी मामला दर्ज किया गया है और उसे गिरफ़्तार कर लिया गया है।

मामले में जिन अन्य लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, उनमें मोहम्मद रफ़ीक़ पहलू, ख़ुर्शीद अहमद भट, शब्बीर अहमद डार, सज्जाद हुसैन गुल, फिरदौस अहमद शाह, पर्रे हसन फिरदौस और सोहेल अहमद मीर शामिल हैं।

श्रीनगर ज़िला पुलिस की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, “गिरफ़्तार किए गए व्यक्ति और अन्य लोग पाकिस्तान स्थित आकाओं के निर्देश पर इन संगठनों को पुनर्जीवित करने की योजना बना रहे थे। यह बैठक इन मृतप्राय संगठनों के पुनरुद्धार के लिए काम शुरू करने का एक खुला प्रयास था। प्रारंभिक जांच से यह भी पता चला है कि वे विदेश स्थित संस्थाओं के संपर्क में थे, उनमें से कुछ कई ऐसे समूहों के सदस्य थे, जो फ़ारूक़ सिद्दीक़ी और जेकेएलएफ़ के राजा मुज़फ़्फ़र की अध्यक्षता वाले कश्मीर ग्लोबल काउंसिल जैसे अलगाववाद का प्रचार करते थे।”

पुलिस मीडिया विज्ञप्ति में कहा गया है, “बैठक का असली एजेंडा पुनरुद्धार की रणनीति पर चर्चा करना था। शुरुआती जांच में यह भी पता चला है कि 13 जून 2023 को भी ऐसी ही प्रारंभिक बैठक हुई थी, जिसमें ज़्यादातर लोग शामिल हुए थे। मामले की जांच ज़ोरों पर है और कुछ और गिरफ़्तारियां होने की संभावना है।”

सूत्रों ने कहा कि बैठक के कुछ प्रतिभागी और आयोजक सीधे तौर पर पाकिस्तान में अपने उन आकाओं के संपर्क में थे, जो चाहते थे कि वे इस केंद्र शासित प्रदेश में अलगाववाद और उग्रवाद को पुनर्जीवित करें। उन्होंने बताया कि ग्रुप की पहली बैठक 13 जून 2023 को श्रीनगर में हुई थी।

सोमवार को 24 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद रिहा किए गए लोगों में हुर्रियत के पूर्व अध्यक्ष और शिया मुस्लिम धर्मगुरु दिवंगत मौलवी अब्बास अंसारी के बेटे मसरूर अब्बास अंसारी भी शामिल हैं। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि उन्हें हुर्रियत और जेकेएलएफ़ के पुनरुद्धार के मौजूदा प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल नहीं पाया गया, हालांकि उन्होंने श्रीनगर सिविल लाइन्स के एक होटल में इख़्वानुल मुस्लिमीन के पूर्व आतंकवादी मोहम्मद यासीन भट द्वारा आयोजित अलगाववादियों के मिलन समारोह में भाग लिया था।

सूत्रों के मुताबिक़, इत्तेहादुल मुस्लिमीन के संस्थापक अब्बास अंसारी के उत्तराधिकारी बेटे मसरूर किडनी ट्रांसप्लांट के मरीज़ हैं। उनका धार्मिक संगठन कई मोहर्रम सभाओं और शोक जुलूसों का आयोजन करता है, जो अब सिर्फ़ एक सप्ताह दूर हैं। समूह ने दावा किया है कि मसरूर अंसारी होटल में ईद-ए-ग़दीर के अवसर पर एक धार्मिक समारोह में भाग ले रहे थे।

हालांकि, अधिकारियों ने इत्तिहादुल मुस्लिमीन के इस दावे को ख़ारिज कर दिया और पूछा कि केवल कुछ प्रतिभागी शिया समुदाय से क्यों थे। ईद-ए-ग़दीर केवल शिया मुस्लिम समुदाय द्वारा मनाया जाता है। उन्होंने दावा किया कि आमंत्रित लोग चुनिंदा पूर्व आतंकवादियों और अलगाववादियों में से थे। कुल मिलाकर हिरासत में लिए गए 33 लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है।