उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के चुनाव के लिए मतगणना जारी है। उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान हुए थे। पहले चरण में 58 सीटों के लिए 10 फरवरी, दूसरे चरण में 55 सीटों के लिए 14 फरवरी, तीसरे चरण में 59 सीटों के लिए 20 फरवरी, चौथे चरण में 60 सीटों के लिए 23 फरवरी, पांचवें चरण में 60 सीटों के लिए 27 फरवरी, छठवें चरण में 57 सीटों के लिए 3 मार्च और सातवें चरण में 54 सीटों के लिए 7 मार्च को वोटिंग थी। यूपी में शुरुआती रुझान में बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा छू लिया है। बीजेपी 222 सीटों पर आगे है, वहीं सपा को 111 पर बढ़त मिली है।
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गोरखपुर सीट पर सीएम योगी समेत कुल 12 उम्मीदवार हैं। समाजवादी पार्टी ने यहां से बीजेपी के क्षेत्रीय अध्यक्ष रहे उपेन्द्र दत्त शुक्ल (स्वर्गीय) की पत्नी सुभावती शुक्ला को मैदान में उतारा था। जबकि बसपा से ख्वाजा शमसुद्दीन और कांग्रेस से चेतना पांडेय मैदान में थीं। वहीं आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) से चंद्रशेखर रावण ने चुनाव लड़ा। अगर बीजेपी बहुमत से जीत हासिल कर लेती है, तो सीएम योगी के साथ नया रिकॉर्ड बनेगा। योगी आदित्यनाथ सीएम बनते हैं तो पिछले 37 साल के इतिहास में पहला मौका होगा जब किसी सीएम के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया हो, जीता गया हो और वही दोबारा मुख्यमंत्री बना हो।
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चुनाव के रुझानों से समाजवादी पार्टी खेमे में निराशा है, अगर ये रुझान नतीजों में तब्दील होते हैं तो अखिलेश यादव को अब 10 साल तक सत्ता से बाहर रहना पड़ेगा। यूपी में 2003 से लेकर 2007 तक समाजवादी पार्टी की सरकार थी और मुलायम सिंह मुख्यमंत्री, मुलायम सिंह यादव ने साल 2004 के उपचुनाव में गुन्नौर से रिकॉर्ड तोड़ जीत दर्ज की थी। उसके बाद साल 2007 में यूपी विधानसभा के चुनाव हुए जिसमें बीएपा की सरकार बनी और प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं मयावती। 2012 के चुनाव में एक बार फिर समाजवादी पार्टी की वापसी हुई और अखिलेश यादव की ताजपोशी हुई, लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर में समाजवादी पार्टी को शिकस्त मिली और बीजेपी ने 300 से ज्यादा सीटों पर शानदार जीत हासिल की थी।