दो दिन पहले फ़्रांस में एक 17 साल के लड़के की पुलिस की गोली से मौत हो गयी। लोगों ने इसे हत्या माना और भीषण हिंसा भड़क गयी थी।फ़्रांस में भड़की इस हिंसा और अराजकता के बीच एक ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया पर इसलिए जंग छिड़ गयी है,क्योंकि इस ट्वीट में कहा गया है कि वहां अगर योगी आदित्यनाथ के नुस्ख़े को अपनाया जाए,तो इस बर आसानी से क़ाबू पाया जा सकता है।इस आशय का ट्वीट प्रोफ़ेसर एन जॉन कैम नाम के वेरिफ़ाइड ट्विटर हैंडल से किया गया है।
इस ट्वीट में कहा गया है, “भारत को फ़्रांस में दंगों जैसी स्थिति पर क़ाबू पाने के लिए योगी आदित्यनाथ को वहां भेजना चाहिए और वह इसे 24 घंटे में(नियंत्रित) कर दिखायेंगे।”
योगी आदित्यनाथ ऑफ़िस ने इस ट्वीट पर जवा में लिखा, “जब भी दुनिया के किसी भी हिस्से में दंगा भड़कता है, अराजकता फैलती है और क़ानून व्यवस्था की स्थिति ख़राब होती है, तो दुनिया उत्तरप्रदेश में महाराज जी की स्थापित की हुई क़ानून व्यवस्था के परिवर्तनकारी मॉडल की ओर देखती है।”
Whenever extremism fuels riots, chaos engulfs and law & order situation arises in any part of the globe, the World seeks solace and yearns for the transformative “Yogi Model” of Law & Order established by Maharaj Ji in Uttar Pradesh. https://t.co/xyFxd1YBpi
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) July 1, 2023
इसके बाद तो सोशल मीडिया दो हिस्सों में बंट गया। पहले हिस्से का मानना है कि प्रोफ़ेसर एन जॉन कैम नाम का ये अकाउंट फ़र्ज़ी है, लेकिन दूसरा हिस्सा ऐसा भी है,जो इस अकाउंट को सही मानता है।
मगर,यूपी कांग्रेस ने इस पर ट्विट करते हुए मुख्यमंत्री पर पलटवार करते हुए लिखा।असदुद्दीन ओवैसी ने योगी आदित्यनाथ की आलोचना करते हुए लिखा है, “फ़िरंगियों की तारीफ़ के इतने भूखे हैं कि किसी फ़र्ज़ी अकाउंट के ट्वीट से ख़ुश हो रहे हैं। झूठे एनकाउंटर, ग़ैर-क़ानूनी बुलडोज़र कार्रवाई और कमज़ोरों को निशाना बनाना कोई परिवर्तनकारी नीति नहीं है, ये जम्हूरियत की तबाही है। योगी मॉडल का सच तो हमने लखीमपुर खीरी और हाथरस में देखा था।”
भाई, भाई, भाई! फिरंगियों की तारीफ़ के इतने भूके हैं की किसी फर्जी अकाउंट के ट्वीट से खुश हो रहे हैं?! झूठे एनकाउंटर, ग़ैर-क़ानूनी बुलडोज़र कार्यवाही और कमज़ोरों को निशाना बनाना कोई परिवर्तनकारी नीति नहीं है, ये जम्हूरियत का विनाश है। “योगी माडल” का सच तो हमने लखीमपुर खीरी और… https://t.co/UV0S3jcWrB
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 1, 2023
मगर,सवाल है कि यह अकाउंट सचमुच असली है या नक़ली,इसके बारे में अभी तक कुछ नहीं कहा जा सकता। फ़ैक्ट चेक करने वाले मोहम्मद ज़ुबैर का दावा है कि यह ट्विटर अकाउंट किसी नरेंद्र विक्रमादित्य यादव का है। ज़ुबैर का यह भी कहना है कि नरेंद्र विक्रमादित्य यादव जालसाज़ी के मामले में एक बार हैदराबाद पुलिस की गिरफ़्त में भी आ चुका है।ज़ुबैर अपने दावे के पक्ष में रचाकोंडा पुलिस की ओर से ट्वीट किए गए एक प्रेस नोट का स्क्रीनशॉट शेयर किया है,जिसके मुताबिक़ उसे मार्च 2019 में गिरफ़्तार किया गया था।
वहीं ज़ाकिर अली त्यागी नामक यूज़र का भी कहना है कि यह कथित यूरोपियन डॉक्टर दरअसल एक भारतीय है और “उसका नाम नरेंद्र विक्रमादित्य है।”एक यूज़र ने दावा यह भी दावा है कि यह ट्विटर अकाउंट जॉन कैम तो लंदन की सेंट जॉर्ज यूनिवर्सिटी में क्लिनिकल कार्डियोलॉजी के प्रोफ़ेसर हैं और उनके नाम पर कोई और चर्चित हो रहा है।
अभी तक यह स्पष्ट तो नहीं हो पाया है कि फ़्रांस की अराजकता के सिलसिले में योगी आदित्यनाथ के नुस्खे को आज़माने की सलाह देने वाला ये ट्विटर यूज़र कौन है,मगर इसे लेकर पक्ष-विपक्ष दोनों के बीच सोशल मीडिया पर ज़बरदस्त धूम मची है और अराजकता को ख़त्म करने वाला योगी आदित्यनाथ का नुस्खा की चर्चा हर तरफ़ है।