आज अचला सप्तमी है। इस दिन भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। इसलिए इस दिन को सूर्य सप्तमी, रथ सप्तमी, माघ सप्तमी और सूर्य जयंती जैसे कई नामों से जाना जाता है। अचला सप्तमी से जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं हैं। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के पश्चात दान की परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से सांतान सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही मां लक्ष्मी की भी विशेष कृपा मिलती है। चलिए आपको बताते है कि अचला सप्तमी 2022 के लिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन क्या करें, क्या ना करें-
अचला सप्तमी 2022 शुभ मुहूर्त
अचला सप्तमी का आज सुबह 4 बजकर 35 मिनट से शुरू हो चुका है। सप्तमी तिथि का समापन 8 फरवरी, मंगलवार सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर होगा। उदया तिथि 7 फरवरी को होने के कारण इस दिन ही अचला सप्तमी का व्रत रखा जाएगा। इसके अलावा सूर्य पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 22 मिनट से 7 बजकर 06 मिनट तक रहेगा।
अचला सप्तमी पूजा विधि
अचला सप्तमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगाजल मिश्रित जल या पवित्र नदी में स्नान करें।
स्नान के बाद सूर्य देव को अर्ध्य दें।
इसके बाद सूर्य कवच, सूर्य स्तोत्र, आदित्य हृदय स्तोत्र या सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें।
इस दिन सूर्यदेव के निमित्त दीप दान करना शुभ माना गया है।
जो लोग अचला सप्तमी का व्रत रखते हैं, उन्हें नमक और तेल का सेवन नहीं करना चाहिए।
अचला सप्तमी के दिन क्या ना करें, क्या ना करें?
अचला सप्तमी के दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन नमक का दान शुभ माना गया है।
अचला सप्तमी के दिन गाय को गुड़ खिलाना शुभ फलदायी होता है।
व्रती को इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। अगर नदी में स्नान करना संभव ना हो तो पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
इस दिन गजेंद्र मोक्ष और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना ना भूलें।
जो लोग संतान की कामना करते हैं, उन्हें इस दिन व्रत करना शुभ माना गया है।
अचला सप्तमी के दिन काले वस्त्र नहीं पहनना चाहिए। इस दिन पीले कपड़े पहनना शुभ है।
इसके अलावा इस दिन मांस-मदीरा का सेवन भूलकर भी ना करें।
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