शनि ग्रह को सबसे क्रूर ग्रह माना गया है। साथ ही, उन्हें न्याय का भी देवता कहा जाता है। शनि की क्रूर दृष्टि से इंसान ही नहीं देवता भी डरते हैं। शनि की क्रूर दृष्टि जब व्यक्ति पर पड़ती है, तो उसे तबाह कर देती है। इतना ही नहीं, शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के चलते उसे कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शनिदेव ने भगवान शिव की पूजा की थी, जिससे प्रसन्न होकर शिव जी ने उन्हें सभी ग्रहों में विशेष स्थान दिया था। मान्यता है कि शनिदेव की दृष्टि से बचने के लिए महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की पूजा करने से शनि देव शांत हो जाते है।
इन राशियों पर होती है शनि की विशेष कृपा
ज्योतिष अनुसार मिथुन, तुला, धनु, मकर और कुंभ राशि शनिदेव की विशेष दृष्टि होती है। इन राशियों को कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे शनिदेव नाराज होकर बुरे फल दें।
कुछ कार्य करने से शनिदेव नाराज हो जाते हैं और शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान व्यक्ति को कठोर दंड देने का कार्य करते हैं। इसलिए शनि को प्रसन् रखने के लिए कमजोर और परिश्रम करने वाले व्यक्ति को कभी सताएं नहीं। वहीं, ऐसे लोगों का कभी अनादर भी नहीं करें। गलत और अनैतिक कार्यों को करने से बचें। क्योंकि इन सब कार्यों से शनि नाराज हो जाते हैं।
इस तरह करें शनिदेव को शांत
एक मार्च को फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की महाशिवरात्रि है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार शनिदेव सिर्फ भगवान शिव की पूजा से ही शांत होते हैं। इतना ही नहीं, शनिदेव हनुमान जी और कालभैरव की पूजा करने से भी शांत हो जाते हैं। शनिदेव को शांत करने के लिए महाशिवरात्रि का दिन उत्तम माना गया है। शाम के समय शनिदेव की पूजा करने से शनि से जुड़े दोष कम होते हैं। इस दिन शिव मंदिर में शिव चालीसा का पाठ करें।