उत्तर प्रदेश में सभी 403 विधान सभा सीटों पर वोटों की गिनती चल रही है और रुझानों में बीजेपी को बहुमत मिल गया है। इसके बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ एक बार फिर सरकार बनाते दिख रहे हैं। दोबारा मुख्यमंत्री बनने के साथ ही योगी आदित्यनाथ इतिहास रच देंगे और उनके नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हो जाएंगे। रूझानों की पल-पल की अपडेट आप हमारी वेबसाइट से ले सकते है, लेकिन रूझानों के अलावा, सीएम योगी के ताज को लेकर ज्योतिष शास्त्र क्या कहता है, चलिए आपको बताते है।
ज्योतिष के अनुसार, मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार योगी आदित्यनाथ की पत्री में राजयोग है। हालांकि योगी जी की कुंडली में अभी शनि का साढ़े साती चल रहा है। जिसके कारण उनके जीवन में मानसिक तनाव और संघर्ष दिखाई देता है। लेकिन अगर योगी और पीएम मोदी की दशाओं पर नजर डाले हैं तो एक ओर पार्टी उत्तर प्रदेश में बहुमत से सरकार बनाती हुई दिखती है तो वहीं अन्य राज्यों जैसे पंजाब, उत्तराखंड में पार्टी की हालत कुछ चिंताजनक लग रही है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश की कुंडली पर नजर डालें तो इस राज्य का गठन 1 अप्रैल 1937 को हुआ था।
उत्तर प्रदेश का लग्न धनु है और लग्नेश गुरु दूसरे भाव में, शनि, बुध और सूर्य चौथे भाव में, शुक्र पांचवे भाव में, केतु छठवें और मंगल, राहु एवं चंद्र बारहवें भाव में स्थित हैं। 2031 तक राहु की महादशा चल रही है। जिसमें 2023 तक बुध की अन्तर्दशा चल रही है। इस तरह मौजूदा ग्रह दशाओं के मुताबिक उत्तर प्रदेश की पत्री में राज्य की सत्ता बदलते हुए नहीं दिख रही है, लिहाजा इससे भी साफ इशारा मिलता है कि योगी जी ही फिर से सरकार बनाएंगे। उत्तर प्रदेश की कुंडली में एक और बात ध्यान रखने योग्य है कि बाहरवें भाव में चंद्र और मंगल के साथ स्थित राहु अपनी महादशा में उत्तर प्रदेश को प्रसिद्धी दिलाएगा।
राहु की महादशा और इसके बाद दूसरे भाव में स्थित लग्नेश व चतुर्थेश गुरु की महादशा में उत्तर प्रदेश धर्म, पर्यटन, उद्योग, आदि क्षेत्र में धनी राज्य बनने के साथ-साथ भारत की नई आर्थिक राजधानी बनकर उभरेगा। राहु की महादशा में 2023 से प्रारम्भ होने वाली केतु की अंतर दशा उत्तर प्रदेश से एक नए अरविन्द घोष को समाज में उच्च पद पर पहुंचायेगी। वहीं राहु तो वहीं केतु सन्यासी विचारधारा वाले व्यक्ति का उदय दिखाता है। यानी कि हर तरफ से इशारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर ही जाता है।