ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के राशि परिवर्तन का अलग महत्व है। बात करें अगर मंगल ग्रह की तो मंगल ग्रह को ग्रहों का सेनापति कहा जाता है। मंगल देव एक हफ्ते बाद अप्रैल में कुंभ राशि में गोचर करने जा रहा है। इस राशि में वो 17 मई तक रहेंगे। मंगल के शनि की राशि कुंभ में गोचर करने से कई राशि वाले लोगों को नुकसान पहुंचेगा। चलिए आपको बताते है कि मंगल का गोचर किन राशियों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
कर्क- ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कर्क राशि में मंगल नीच का होता है। मंगल के राशि परिवर्तन से जीवन में तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। मंगल गोचर की अवधि में कार्य स्थल पर काम का अतिरिक्त प्रेशर झेलना पड़ सकता है। छोटे-मोटे विवादों का भी सामना करना पड़ सकता है। परिवार में पिता से मनमुटाव रहेगा। गोचर की अवधि में क्रोध पर नियंत्रण करना होगा।
सिंह- मंगल के इस गोचर के दौरान कार्यस्थल पर अधिकारियों से कष्ट होगा। काम में अतिरिक्त जबावदेही मिलने के कारण मन अशांत रहेगा। बिजनेस में आर्थिक नुकसान होगा। रोजगार में अधिक मेहनत करने की जरूरत होगी।
कन्या- कन्या राशि वालों के लिए मंगल का गोचर शुभ साबित नहीं होगा। गोचर की पूरी अवधि में किसी ना किसी प्रकार का मानसिक कष्ट झेलना पड़ सकता है। जीवनसाथी के साथ मनमुटाव की स्थिति बनेगी। आय के साधनों में कमी आएगी। व्यापार में आर्थिक नुकसान हो सकता है। सेहत को लेकर सावधान रहना होगा।
तुला- मंगल के गोचर से मानसिक तनाव बढ़ेगा। जीवनसाथी की सेहत को लेकर परेशान हो सकते हैं। आपसी मतभेद की भी संभावना है। नौकरी में नुकसान हो सकता है। गोचर के दौरान विवादों से दूर रहना होगा। साथ ही जल्दबाजी में नौकरी बदलने का फैसला ना लें।
वृश्चिक- वैवाहिक जीवन में कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। कार्यस्थल पर किसी साथी से विवाद होने की संभावना है। व्यापार में आर्थिक नुकसान हो सकता है। पारिवारिक विवाद से बचकर रहना होगा। साझेदारी वाले व्यापार से आर्थिक नुकसान होगा।
मकर- इस दौरान काम का अतिरिक्त बोझ झेलना पड़ सकता है। कार्यस्थल पर सहकर्मियों के साथ विवाद हो सकता है। गोचर के दौरान नौकरी बदलने से परेशानी होगी। खर्च में वृद्धि होगी। व्यापार में कुछ हद तक आर्थिक नुकसान होगा। क्रोध पर नियंत्रण रखना होगा।
मीन- मंगल के गोचर से खर्च बढ़ेगा। साथ ही नौकरी में परिवर्तन का योग बनेगा। पिता से मनमुटाव हो सकता हैं। पारिवारिक जीवन में जीवनसाथी के साथ टकराव हो सकता है। गोचर की पूरी अवधि में क्रोध पर नियंत्रण रखना होगा।