राहु और केतु एक-दूसरे के समसप्तक रहते हैं, इसलिए दोनों ग्रह एक साथ राशि परिवर्तन करते हैं। 12 अप्रैल को राहु मेष राशि में और केतु तुला राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें कि मेष राशि के स्वामी ग्रह मंगल हैं। वहीं तुला राशि के स्वामी शुक्र देव है। मेष राशि में राहु और केतु 18 महीनों तक रहेंगे। राहु-केतु के राशि परिवर्तन के दौरान 5 राशियों के जातकों को सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
मेष- मेष राशि के जातकों को अपने रिश्तों के प्रति सचेत रहने की सलाह दी जाती है। संभव है कि इस क्षेत्र में आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। वित्तीय समस्याएं सामने आ सकती हैं।
तुला- तुला राशि के जातकों के लिए राहु सप्तम भाव में और केतु प्रथम भाव में गोचर करेगा। इस दौरान आपको पैसों के लेन-देन में सावधान रहने की सलाह दी जाती है। अगर जातक की कुंडली में राहु और केतु शुभ स्थिति में रहते हैं तो उनके जीवन में विकास और परिवर्तन देखने को मिलते हैं।
धनु –धनु राशि वालों के लिए यह समय शुभ नहीं है। इस दौरान आपको भविष्य को लेकर असुरक्षा हो सकती है। गोचर काल की अवधि में आपका एक गलत फैसला धन हानि करा सकता है। इस दौरान धन संबंधित कोई बड़ा फैसला न लें।
मकर- मकर राशि के लिए राहु-केतु चौथे और दसवें भाव में क्रमश: गोचर करेंगे। केतु गोचर आपके लिए अनुकूल रहने वाला है। लेकिन राहु गोचर आपके लिए शुभ नहीं माना जा रहा है। इस दौरान आपको पारिवारिक मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
मीन- मीन राशि के लिए यह गोचर प्रतिकूल परिणाम लेकर आएगा। इस दौरान आपको आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है।