चैत्रमास का अंतिम सप्ताह विशेष सप्ताह है। इसी सप्ताह में कामदा एकादशी और पूर्णिमा को हनुमान जयंती है। वैसे तो सभी एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित हैं, लेकिन कामदा एकादशी महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, व्रत रखा जाता है। यह व्रत चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। मान्यता है कि कामदा एकादशी का व्रत रखने से और इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान कृष्ण की पूजा करने से पापों का नाश होता है। और व्रत करने वाले के परिवार धन धान्य और संतान की प्राप्ति होती है।
कैसे करें कामदा एकादशी पूजा
सूर्योदय से पहले जागकर दैनिक क्रियाओं से निवृत्त हों और स्नान आदि करके सूर्य को अर्घ्य दें। इसके बाद भगवान कृष्ण की आराधना करें। उनको पीले फूल, पंचामृत, तुलसी दल और फल अर्पित करें। इसके बाद ऊँ कृष्णाय नमः नारायणाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें। व्रत का संकल्प लें। एकादशी को केवल फलाहार करें। यदि स्वास्थ्य साथ न दे तो शाम को लहसुन-प्याज रहित सात्विक भोजन लें। द्वादशी की भोर में पुनः सूर्योदय के बाद अर्घ्य देने के बाद भूखे को भोजन कराएं या निर्धनों में वस्त्र आदि का दान करें।
कामदा एकादशी पर संतान प्राप्ति उपाय
यदि कामदा एकादशी की व्रत संतान प्राप्ति की कामना से किया जा रहा है तो पति-पत्नी दोनों उपवास और फलाहार का संकल्प के साथ भगवान कृष्ण को पीला फल और पीले फूल अर्पित करें। फिर संतान गोपाल मंत्र का कम से कम 11माला जाप करें। बाद में पत्नी पूजा के फलों को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
कामदा एकादशी पर धन प्राप्ति उपाय
दिगोपाल कृष्ण को पीले फूलों की माला अर्पित करनी चाहिए। इसके अलावा आज के दिन अन्न ग्रहण न करने का संकल्प लें और सभी दैनिक कार्यो से निवृत्त होकर सांय संध्या तक 'ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीवासुदेवाय नमः' मंत्र का जप करें। यदि 108 माला जप हो जाए तो अच्छा नहीं तो कम से कम 11 माला जप अवश्य करें। निश्चित तौर पर सात्विक साधनों से धन प्राप्ति होगी। ध्यान असात्विक प्रयासों से धन लाभ की कामना न करें अन्यथा भविष्य में बड़ी हानि हो सकती है।