राहु को पापी ग्रह माना गया है, क्योंकि इसकी स्थिति में कई इंसान की जिंदगी में बड़े से बड़ा बदलाव लाती है। 17 मार्च को राहु वृषभ राशि से निकलकर इससे पिछली राशि मेष में प्रवेश करेंगे, जहां वह अगले करीब डेढ़ साल तक रहेंगे। राहु के मेष राशि में प्रवेश के समय की कुंडली का आंकलन करें तो मकर राशि में शनि, मंगल और शुक्र 3 ग्रहों की युति बन रही है, जो कि पूरी दुनिया में बड़ी उथल-पुथल की आशंका पैदा कर रही है। रूस-यूक्रेन वॉर इसका उदाहरण है। वही इसका असर भारत पर भी दिखेगा। 18 महीने बाद राहु का राशि परिवर्तन करना देश की राजनीति, अर्थव्यवस्था और आम जनजीवन तक पर पड़ेगा।
राशन पर प्रभाव- ज्योतिष के अनुसार मेष राशि में राहु का आना खाने-पीने की चीजों का संकट लाता है। लिहाजा मेष राशि में राहु के प्रवेश करते ही चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध का भारत की अर्थव्यस्था पर बुरा असर दिखने लगेगा। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी रोजमर्रा की चीजों के दाम बढ़ाएगी, इससे आम आदमी को बड़ी मुश्किलें झेलनी पड़ सकती हैं। चूंकि यूक्रेन और रूस दुनिया के बड़े गेहूं उत्पादक देश हैं और ये दोनों देश जंग के मैदान में हैं। यह स्थिति अनाज की कीमतें बढ़ाएगी, जो कई देशों में खाद्य संकट पैदा कर सकती है। साथ ही राहु का गोचर भारत में बमौसम की बारिश कराएगा जो खेतों में तैयार खड़ी फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है।
स्टॉक मार्केट- अप्रैल में मेष राशि से एकादश भाव में कुंभ राशि में शनि-मंगल की युति और जून में मेष राशि में राहु-मंगल की युति स्टॉक मार्केट में जमकर उतार-चढ़ाव ला सकती है। इस समय में बहुत सोच-समझकर ही निवेश करना चाहिए।
राजनीतिक घमासान- राहु का गोचर भारत की राजनीति में भी घमासान मचा सकता है। अप्रैल से सितंबर के बीच बड़ा राजनीतिक उथल-पुथल ला सकता है। बड़े नेताओं-अधिकारियों से जुड़ी अप्रिय घटनाएं हो सकती हैं। इसके अलावा प्रकृति आपदा जैसे बाढ़-भूस्खलन आने की भी आशंका है।