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बृहस्पति देव ने किया कुंभ राशि पर कब्जा तो क्रोधित हुए शनिदेव, देश में फिर लाएंगे कोरोना की लहर

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21 नवंबर को देवगुरु वृहस्पति ने शनिदेव को मकर राशि में छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश कर लिया है। अब बृहस्पति 14अप्रैल 2022तक कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे, जो शनिदेव की राशि है। शनि अकेले मकर राशि में रहकर न्याय करेंगे और बृहस्पति देव शनिदेव की राशि कुंभ में रहकर न्यायपूर्ण ज्ञान को प्रसारित करेंगे। मतलब स्पष्ट है कि बहुत सारे देशों को कोरोना फिर से प्रभावित करेगा।

भारत में बृहस्पति के कुंभ राशि में आने पर कुछ बदलाव होंगे। जैसे शिक्षा जगत से जुड़े माफियाओं पर सख्त नियम बनेंगे, न्याय की जीत होगी और विभिन्न क्षेत्रों के माफियाओं और गलत लोगों पर कार्रवाई होगी। वैसे आम लोगों के लिए वृहस्पति देव काफी सकारात्मक प्रभाव डालेंगे। शिक्षा जगत में आईटी क्षेत्र में अच्छा उछाल आएगा। शिक्षण संस्थानों में तरक्की के मार्ग प्रशस्त होंगे। नए वर्ष 2022के प्रारम्भ से ही रियल एस्टेट और मीडिया जगत से जुड़े लोगों को बहुत फायदा होगा।

मनोरंजन उद्योग को भी बहुत लाभ होगा। कुल मिलाकर, व्यापार क्षेत्र के लोगों को बहुत लाभ होंगे और नया साल भारतीय शिक्षण संस्थानों तथा व्यापारिक घरानों के लिए अच्छा होगा। अगर देवगुरु वृहस्पति के गोचर परिवर्तन की विभिन्न राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव की बात करें,तो यह मेष, मिथुन, सिंह और तुला राशि के जातकों के लिए बहुत अच्छा रहने वाला है। देवगुरु वृहस्पति इन राशियों को बहुत शुभ फल प्रदान करेंगे। मकर राशि के जातकों के लिए भी यह समय ठीक रहेगा। वहीं वृष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, धनु, कुंभ और मीन के लिए यह समय उतना अच्छा नहीं रहेगा।