ज्योतिष शास्त्र में सबसे शुभ ग्रह माने जाने वाले देवगुरु बृहस्पति अपनी राशि बदलने वाले हैं। 20 नवंबर को देवगुरु बृहस्पति मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इस राशि पर ये 13 अप्रैल 2022 तक गोचर करेंगे उसके बाद मीन राशि में चले जाएंगे। गुरु ग्रह जब भी राशि परिवर्तन करते है तो इसका असर सभी राशियों पर पड़ता है। गुरु ग्रह करीब एक साल के अंतराल में एक से दूसरी राशि में भ्रमण करते हैं। अभी गुरु ग्रह शनिदेव की राशि मकर राशि में विराजमान है। कुंडली में गुरु की अच्छी स्थिति होने पर जातक को मान सम्मान और धन की प्राप्ति होती है।
कर्क राशि पर सबसे ज्यादा गुरु के राशि परिवर्तन का प्रभाव पड़ेगा। राशि से अष्टम आयु भाव में गोचर करते हुए गुरु का प्रभाव बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता। उतार-चढ़ाव की अधिकता रहेगी। कार्यक्षेत्र में भी षड्यंत्रकारी आपको नीचा दिखाने में सक्रिय रहेंगे। विद्यार्थियों को परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करने के लिए और प्रयास करने होंगे। जमीन जायदाद के मामलों में विवाद बढ़ सकता है। इस अवधि के मध्य किसी भी तरह के अनुबंध पर हस्ताक्षर करते समय नियमों और शर्तों को गंभीरता से जांच लें। प्रेम संबंधी मामलों में उदासीनता के योग।
चलिए आपको बताते है पूरे साल गुरु ग्रह किन-किन स्थितियों में रहेंगे।
साल के शुरुआती महीने में बृहस्पति कुंभ राशि में मौजूद रहेंगे।
फिर इसके बाद 23 फरवरी 2022 को बृहस्पति अस्त होंगे।
जहां से ये 27 मार्च 2022 को वापस से उदय होंगे।
13 अप्रैल 2022 को बृहस्पति अपनी खुद की राशि मीन में गोचर करेंगे। इसके बाद पूरे वर्ष ये मीन राशि में ही मौजूद रहेंगे।
फिर इसके बाद बृहस्पति 29 जुलाई 2022 को मीन राशि में वक्री हो जाएंगे।
साल के आखिर में यानी 24 नवंबर 2022 को बृहस्पति दोबारा से मार्गी होंगे।