आज काल भैरव जयंती है। मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव जयंती मनाई जाती है। कालभैरव को भगवान शिव का पांचवा अवतार माना जाता है। वहीं हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का व्रत भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि जो कोई भी व्यक्ति कालभैरव जयंती के दिन विधि-विधान से उनकी पूजा करता है तो उससे वे प्रसन्न होते हैं। भैरवजी का स्वरुप भयानक माना जाता है लेकिन अपने भक्तों की वे सदैव रक्षा करते हैं। यह भी धार्मिक मान्यता है कि कालभैरव की पूजा करने से नकारात्मक शक्तियों, ऊपरी बाधा और भूत-प्रेत जैसी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
कालाष्टमी 2021 शुभ मुहूर्त
अष्टमी तिथि प्रारम्भ- नवम्बर 27, 2021 को 05:43 ए एम बजे
अष्टमी तिथि समाप्त- नवम्बर 28, 2021 को 06:00 ए एम बजे
मासिक कालाष्टमी 2021 की पूजा विधि
इस दिन भैरव चालीसा का पाठ करना चाहिए। कालाष्टमी के पावन दिन पर कुत्ते को भोजन कराना चाहिए। ऐसा करने से भैरव बाबा प्रसन्न होते हैं और सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं भैरव बाबा का वाहन कुत्ता होता हैं इसलिए इस दिन कुत्ते को भोजन कराने से विशेष फल की प्राप्ति भक्तों को होती हैं।
यह है पौराणिक मान्यता
धार्मिक मान्यता के अनुसार राजा दक्ष की पुत्री सती ने अपने पिता के इच्छा के विरुद्ध जाकर भगवान शिव से विवाह कर लिया। इससे राजा दक्ष काफी क्रोधित हो गए। दक्ष ने भगवान शिव का अपमान करने के लिए यज्ञ का आयोजन किया। जिसमें पुत्री सती व जमाता शिव को आमंत्रित नहीं किया। सती बिना आमंत्रण के दक्ष के यज्ञ में पहुंच गई और भोलेनाथ का अपमान देखकर यज्ञ अग्नि में कूद गईं। भगवान शिव यह देखकर अत्यंत क्रोधित हो गए। उन्होंने अपने उग्र स्वरूप काल भैरव के रूप की रचना की, जिन्होंने यज्ञ स्थल पर जाकर राजा दक्ष का सिर धड़ से अलग कर दिया। यही काल भैरव सती के शरीर के टुकड़ों के गिरने से बने 51 शक्तिपीठों की रक्षा करते हैं।
कालभैरव जयंती पर करें ये काम
जिस तरह भगवान शिव का वाहन नंदी को माना जाता है उसी तरह भैरवजी का वाहन कुत्ता माना गया है। कालभैरव जयंती पर काले कुत्ते को मीठी रोटी या गुड़ के पुए खिलाना शुभ माना जाता है।
इस दिन 'ॐ कालभैरवाय नम:' का जप एवं कालभैरवाष्टक का पाठ करने से ऊपरी बाधाएं, भूत-प्रेत की परेशानी दूर होती है।
इस दिन किसी भी कालभैरव मंदिर में जाकर गुलाब, गूगल की खुशबूदार अगरबत्ती और चंदन चढ़ाना चाहिए। नींबू की माला भी भैरवजी को चढ़ाना चाहिए।
इस दिन गरीबों को दान देना काफी शुभ माना जाता है।