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कालसर्प योग बना इन चार राशि वालों के लिए खतरा, लाएगा जिंदगी में तूफान, इन उपायों को कर रहे सावधान

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ज्योतिष शास्त्र में सबसे अशुभ योग कालसर्प योग है। काल सर्प दोष, जैसा कि नाम से भी पता चलता है कि काल यानी मृत्यु और सर्प सांप। यह एक ऐसा दोष है जो फिर से घटित होता है, जैसे सांप बार-बार हुड उठाता है। साल 2022 में कुंडली में बना यह योग सभी राशियों खासकर चार राशिवालों के लिए परेशानी लेकर आएगी। अच्छी बात ये है कि कालसर्प दोष का उपाय शायद सबसे सरल उपाय है। चलिए आपको बताते है कि किन राशियों पर कालसर्प योग का प्रभाव रहेगा। वह उससे राहत पाने के प्रभावशाली उपाय।

 

क्या है कालसर्प योग?

जब राहु और केतु के बीच सात ग्रह आ जाते हैं, तो यह कुंडली में कालसर्प दोष की ओर ले जाता है। और एक बार जब यह दोष बन जाता है, तो यह सभी ग्रहों का गला घोंट देता है। इस दोष का प्रभाव इतना शक्तिशाली होता है कि यह इन ग्रहों के सभी प्राकृतिक महत्व को समाप्त कर देता है। यह उन सभी घरों के महत्व को प्रभावित करता है जहां इसे रखा गया है।

काल सर्प दोष मुख्य रूप से सांप के कारण होता है और इसके लिए जिम्मेदार होता है। और कुंडली में काल सर्प दोष एक दोष (दोष) है जो बार-बार होता है और कुंडली में अन्य सभी सकारात्मक के अच्छे परिणामों को भी दबा सकता है। जन्म कुंडली में राहु और केतु की स्थिति और स्थान के आधार पर, काल सर्प दोष बारह प्रकार के हो सकते हैं।

 

इन चार राशि वालों के लिए कालसर्प योग बेहद खतरनाक

वृषभ राशि- कुंडली में बन रहा कालसर्प योग वृषभ राशिवालों के लिए मुश्किलें खड़ा करेगा। मार्च महीने तक सावधान रहने की जरूरत है। चोरी या ठगी हो सकती है। सेहत पर भी खास ध्यान देना होगा।

कन्या राशि- कन्या राशिवालों के लिए आंशिक विष योग बना रही है। 24 अप्रैल तक खाने-पीने को लेकर सावधान रहें।

वृश्चिक राशि- वृश्चिक राशि के जातकों को चोट लग सकती है। दूसरों के विचारों को हावी न होने दें। 24 अप्रैल तक किसी भी विवाद से दूर रहें।

मीन राशि- मीन राशि के जातकों का विवाद हो सकता है। अपने गुस्से पर काबू रखें। परिवार या पड़ोस में कुछ तनाव हो सकता है। कोई खास छोड़कर जा सकता है।

 

कालसर्प योग के उपाय

जिस जातक के कुंडली में कालसर्प योग हैं। वह नागपंचमी के दिन किसी शिव मंदिर या नाग-नागिन के मंदिर में चांदी, पंचधातु, तांबा या अष्ट धातु का नाग-नागिन को जोड़ा चढ़ाए।

नागपंचमी के दिन शिव मंदिर में 1 माला शिव गायत्री मंत्र का जाप करें।

सोमवार को शिव मंदिर में चंदन की अगरबत्ती, तेल या घी का दीपक लगाकर शिव गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।