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खानकाह नियाजिया का संदेश, तुष्टिकरण की राजनीति से बेहतर सबको मिले हक व हकूक

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उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दल जोर शोर से चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं।  यूपी में मुख्य लड़ाई सपा और बीजेपी के बीच मानी जा रही है। इस चुनावी समर में 80 फीसदी और 20 फीसदी के नए जुमले के बीच मुस्लिम वोटर्स को लेकर नए तरह का संग्राम चल रहा है। विरोधी पार्टियां दावा कर रही है कि प्रदेश के ज्यादातर मुसलमान बीजेपी के खिलाफ है। इन सब दावों के बीच बरेली में स्थित खानकाह-ए-नियाजिया का खास पैगाम आया है। जिसे देखने के बाद सपा-बसपा यकीनन हैरान रह जाएंगे। खानकाह में वरिष्ठ संघ नेता और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने बीजेपी के कामों की तारीफ की।

खानकाह नियाजिया के शब्बू मियां और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने मिलकर खास संदेश किया। धर्म, जात और मजहब के नाम नफरत और कट्टरता फैलाने वालों पर वार करते हुए खानकाह नियाजिया ने देश के नाम भाईचारे, अपनेपन और इंसानियत का पैगाम दिया और कहा हिंदुस्तान के भाईचारे, एतेहाद, सद्भावना से किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने आगे कहा- 'बरेली की खानकाह नियाजिया ने हमेशा गंगा जमुनी तहजीब को बढ़ावा दिया है। यहां की 'जश्न-ए-चिरागा' हिंदू मुस्लिम एकता की जीती जागती मिसाल है।'

खानकाह नियाजिया के शब्बू मियां ने कहा कि वो देश के मुसलमानों को यही पैगाम देंगे कि ऐसी सरकार को तरजीह दें जिसमें दंगा न हो, अमन ओ अमान हो। पिछली सरकारों में दंगा न रोक पाना एक बड़ी कमी थी। शब्बू मियां ने कहा कि सरकार के काम और साफ नियत से लोगों में सकून आया है। प्रदेश में बिजली की स्थिति बहुत अच्छी हुई है। इंसान को उसका हक व हकूक मिल रहा है। वहीं खानकाह में वरिष्ठ संघ नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि मुस्लिम समाज को वैसी सरकार को सत्ता में लाना चाहिए जो तुष्टिकरण की राजनीति नहीं करती हो बल्कि सबके समावेश में विश्वास रखती हो… सबके साथ, सबके विकास, सबके विश्वास में यकीन रखती हो।

इंद्रेश कुमार ने कहा कि अवाम को अपना दिल व दिमाग खोल के यह सोचना चाहिए कि किसकी सरकार में उन्हें सुरक्षा और स्वाभिमान मिला। बीजेपी सरकार ने सभी को एक समान सम्मान दिया है, किसी के साथ भी सरकारी योजनाओं को लेकर भेद भाव नहीं किया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को घर मिला, उज्ज्वला योजना के तहत गैस मिली, लोगों को कोरोना जैसी बीमारियों से बचने के लिए मुफ्त टीका लगा, 80 करोड़ जनता को राशन व दवाएं पहुंचाई गई।

शिक्षित बेरोजगारों को स्वरोजगार के लिए 25 लाख रुपए तक सरकारी कर्ज की योजना चल रही है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत हर किसी को शिक्षा का अधिकार मिल रहा है। इसी सरकार ने महिलाओं को तीन तलाक जैसी कुरीतियों से निजात दिलाया। यही वो सरकार है जिसने शादी की उम्र 18 वर्ष से 21 वर्ष कर के लड़कियों को मानसिक रूप से परिपक्व होने की बात की है। वरना पहले की सरकारें और तथाकथित सेक्यूलर दलों ने लड़कियों को मात्र बच्चा पैदा करने की मशीन समझ रखा था।