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Magh Purnima 2022: माघ पूर्णिमा व्रत आज, अशुभ ग्रहों के प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए जरूर करें ये उपाय, जानें पूजा विधि और मंत्र

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आज माघ पूर्णिमा है। माघ का महीना चल रहा है। माघ मास की पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा कहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, 27 नक्षत्रों में एक मघा से माघ पूर्णिमा की उत्पत्ति हुई है। व्रत-दान और संकल्प के लिए सबसे श्रेष्ठ माघ मास की पूर्णिमा मानी जाती है। जहां एक ओर शरद पूर्णिमा लक्ष्मी प्राप्ति का विशेष दिन है, उसी तरह माघ मास की पूर्णिमा श्रीहरि विष्णु की आराधना के लिए खास दिन है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक माघ पूर्णिमा पर खुद भगवान विष्णु गंगाजल में वास करते हैं। मान्यता है कि इस दिन दान आदि से जीवन की सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

 

माघ पूर्णिमा शुभ मुहूर्त

माघ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है। इसी दिन को माघ पूर्णिमा कहा जाता है। पूर्णिमा का व्रत इसी दिन रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार पूर्णिमा की तिथि 15 फरवरी 2022, मंगलवार को रात 09 बजकर 42 मिनट से प्रारंभ होगी। पूर्णिमा की तिथि 16 फरवरी को रात 01 बजकर 25 मिनट तक रहेगी।

 

माघ पूर्णिमा का महत्व

माघ माह में चलने वाला यह स्नान पौष मास की पूर्णिमा से आरंभ होकर माघ पूर्णिमा तक होता है। तीर्थराज प्रयाग में कल्पवास करके त्रिवेणी स्नान करने का अंतिम दिन माघ पूर्णिमा ही है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार माघ स्नान करने वाले मनुष्यों पर भगवान नीलमाधव प्रसन्न रहते हैं तथा उन्हें सुख-सौभाग्य, धन-संतान और मोक्ष प्रदान करते हैं। मघा नक्षत्र के उदय होने से माघ पूर्णिमा की उत्पत्ति होती है। मघा नक्षत्र को श्रीविष्णु जी का हृदय कहा जाता है।

 

माघ पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि

माघ पूर्णिमा पर स्नान, दान, हवन, व्रत और जप किये जाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु का पूजन, पितरों का श्राद्ध और गरीब व्यक्तियों को दान देना चाहिए।

माघ पूर्णिमा के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी, जलाशय, कुआं या बावड़ी में स्नान करना चाहिए. स्नान के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।

स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर भगवान मधुसूदन यानी श्रीकृष्ण जी की पूजा करनी चाहिए।

दोपहर में गरीब व्यक्ति और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देना चाहिए।

दान में तिल और काले तिल विशेष रूप से दान में देना चाहिए। माघ माह में काले तिल से हवन और काले तिल से पितरों का तर्पण करना चाहिए।

 

माघ पूर्णिमा पर ग्रहों की स्थिति भी खास

नक्षत्र- आश्लेषा

योग- शोभन

चंद्रमा- कर्क राशि

सूर्य- कुंभ राशि

गुरु- कुंभ राशि

शनि- मकर राशि

बुध- मकर राशि

मंगल- धनु राशि

शुक्र- धनु राशि

राहु- वृषभ राशि

केतु- वृश्चिक राशि

करण- विष्टि – 10:10:58 तक, बव – 22:28:46 तक

सूर्योदय- 06:59:11

सूर्यास्त- 18:11:44

राहु काल- दोपहर 12  बजकर 35 मिनट से दोपहर 13 बजकर 59 मिनट तक