हिंदू धर्म में महीनों के अनुसार अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। इन्हीं खास महीनों में से एक है खर मास। इस महीने में मांगलिक काम करने की सख्त मनाही होती है। खरमास महीने में सूर्य मीन में प्रवेश करने पर लगता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य, गुरु की राशियों धनु और मीन में होता है तो उस समय को खर मास कहते हैं। आज सूर्य देव ने कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश कर लिया है। इस राशि में वो अगले 30 दिनों तक यानी 14 अप्रैल तक रहेंगे। इस दौरान कुछ काम करने की मनाही होती है। वहीं दोषों को दूर करने का ये शानदार मौका होता है। दान-पुण्य, भगवान की भक्ति करने से आम दिनों की तुलना में कई गुना ज्यादा फल दिलाता है।
खर मास में क्या करें क्या न करें
ज्योतिष में कहा गया है कि जब सूर्य, गुरु के स्वामित्व वाली राशियों में रहे या गुरु, सूर्य के स्वामित्व वाली राशि में रहे तो उसे गुर्वादित्य योग कहा जाता है। इस योग को सभी शुभ कामों के लिए वर्जित माना गया है। हालांकि इस समय में पूजा-पाठ करने का बहुत महत्व है। जानते हैं खर मास में क्या काम करने चाहिए और क्या नहीं।
खर मास में शादी, गृह प्रवेश, मुंडन, व्रत-उपवास की शुरुआत, उद्यापन जैसे फल प्राप्ति की लालसा से किए जाने वाले शुभ काम नहीं करने चाहिए। इन कामों के लिए इस महीने को अशुभ माना जाता है।
खर मास में दान अवश्य करें, ऐसा करने से तीर्थ स्नान करने जितना फल मिलता है। साथ ही इस महीने में किए गए व्रत पापों का नाश करते हैं।
खर मास में कपड़े, महंगे रत्न, गहने आदि खरीदना अच्छा होता है लेकिन इन्हें इस समय पहनना नहीं चाहिए। बल्कि इन्हें धारण करने के लिए खर मास के खत्म होने का इंतजार करें।
खर मास में जरूरतमंद लोगों, साधुजनों और असहायों की सेवा करना बहुत अच्छा होता है। इस महीने श्राद्ध और मंत्र जाप करना भी बहुत अच्छा होता है।
खर मास में तामसिक भोजन न करें। संभव हो तो इस महीने ब्रम्हचर्य का पालन करें।