ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की स्थिति के मुताबिक, अप्रैल का महीना बेहद खास है। अप्रैल में ऐसी दुर्लभ स्थिति बन रही है कि इस महीने में सभी 9 ग्रह अपनी राशियां बदलेंगे। ज्योतिषाचार्य की मानें तो ऐसा संयोग बहुत कम बनता है, जब एक ही महीने में सारे ग्रह राशियां बदलें। सौरमंडल के सारे ग्रहों की स्थिति में हो रहा ये बड़ा बदलाव देश-दुनिया और लोगों पर पड़ेगा। आपको बता दें कि अप्रैल 2022 में ग्रहों के परिवर्तन की शुरुआत मंगल ग्रह से होगी। मंगल ग्रह 7 अप्रैल को मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। 8 अप्रैल को बुध गोचर होगा। वे मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश रहेंगे और 24 अप्रैल को फिर से राशि बदलकर वृषभ राशि में आएंगे।
इसके बाद 11 अप्रैल को राहु उलटी चाल चलते हुए वृषभ राशि निकलकर मेष में प्रवेश करेंगे। इसी दिन यानी कि 11 अप्रैल को केतु वृश्चिक से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेंगे। इसके 2 दिन बाद 13 अप्रैल को गुरु ग्रह कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। फिर 14 अप्रैल को ग्रहों के राजा सूर्य मीन से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। फिर 27 अप्रैल को शुक्र ग्रह कुंभ से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इसके अगले दिन 28 अप्रैल को न्याय के देवता ढाई साल बाद अपनी ही राशि मकर से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। इस बीच पूरे महीने हर ढाई दिन में चंद्रमा भी अपनी राशि बदलते रहेंगे।
सभी 9 ग्रहों की स्थिति में हो रहा बदलाव सभी 12 राशियों के जातकों पर शुभ-अशुभ असर डालेगा। लेकिन शनि का गोचर सबसे ज्यादा प्रभाव डालने वाला है क्योंकि इसका असर सबसे ज्यादा समय तक रहता है। अप्रैल 2022 में होने जा रहा शनि का राशि परिवर्तन धनु राशि के जातकों की साढ़ेसाती खत्म कर देगा। लेकिन इसके साथ ही मीन राशि पर साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू हो जाएगा। इसके अलावा कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा और मकर पर अंतिम चरण शुरू होगा। वहीं मिथुन और तुला राशि के जातकों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिलेगी। साथ ही कर्क और वृश्चिक पर ढैय्या शुरू हो जाएगी। इस तरह शनि का राशि परिवर्तन मीन, कर्क और वृश्चिक राशि वालों के परेशानी बढ़ाने वाला साबित होगा।