अगर आप जिस कंपनी में पहले काम करते थे, उस कंपनी से आपने अपना पीएफ अकाउंट नई कंपनी में ट्रांसफर नहीं करवाया है, और पुरानी कंपनी बंद हो गई। ऐसे में अगर आपके पीएफ खाते से 36 महीने तक कोई ट्रांजैक्शन नहीं हुआ, यानी उसमें पैसा नहीं डाला गया। तो ऐसे में आपका पीएफ खाता बंद हो जाएगा। ईपीएफओ ऐसे खातों को 'Inoperative' कैटेगरी में डाल देता है। एक बार अगर खाता 'inoperative' हो गया तो आप ट्रांजैक्शन नहीं कर पाएंगे, अकाउंट को दोबारा एक्टिव कराने के लिए आपको ईपीएफओ मे जाकर एप्लीकेशन दोनी होगी।
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'inoperative' होने के बाद भी अकाउंट में पड़े पैसे पर ब्याज मिलता रहता है, मतलब ये कि आपका पैसा डूबा नहीं है, ये आपको वापस मिल जाता है। पहले इन खातों पर ब्याज नहीं मिलता था, लेकिन, 2016 में नियमों में संशोधन किया गया और ब्याज देना शुरू किया गया। आपको पता होना चाहिए कि आपके पीएफ अकाउंट पर तब तक ब्याज मिलता रहता है जबतक आप 58 साल के नहीं हो जाते। नए नियमों के मुताबिक, ईपीएफ अकाउंट Inoperative हो जाता है अगर कर्मचारी ने ईपीएफ बैलेंस को निकालने के लिए एप्लीकेशन नहीं दी है।
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रिटायरमेंट के 36 महीने बाद भी जब इसके बाद सदस्य 55 साल का हो गया
जब सदस्य परमानेंट रूप से विदेश में जाकर बस गया
अगर सदस्य की मृत्यु हो गई है
अगर सदस्य ने सारा रिटायरमेंट फंड निकाल लिया है
अगर किसी PF अकाउंट को 7 साल तक कोई क्लेम नहीं करता है तो इस फंड को सीनियर सिटीजन वेलफेयर फंड में डाल दिया जाता है।