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ग्रहों के घातक वार से बचाता है ‘केसर तिलक’, हर दिन अलग-अलग तरीके से करें इस्तेमाल, मिलेगा शुभ फल

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ज्‍योतिष शास्‍त्र में ग्रहों के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए तिलक बेहद कारगर है। सिंदूर, जिसे तिलक भी कहा जाता है, ये ग्रहों को खुश करने का काम करता है। पूजा के बाद तिलक लगाने को साधारण काम न समझें। तिलक में बहुत ताकत होती है। यह ग्रहों के दुष्‍प्रभावों को दूर करता है। बस, इसके लिए आपको हर दिन के मुताबिक अलग-अलग तरह के तिलक लगाने होंगे। चलिए आपको बताते है आप किस दिन कौन-सा तिलक लगाना चाहिए,

सोमवार- सोमवार भगवान शिव का दिन है और इस दिन के स्‍वामी ग्रह चंद्रमा हैं। इस दिन चंदन, विभूति या फिर भस्म का तिलक लगाने से चंद्रमा अच्‍छे फल देता है और भोलेनाथ की कृपा भी बनी रहती है।

मंगलवार- मंगलवार को भगवान हनुमान को समर्पित किया गया है। साथ ही इसके स्वामी ग्रह मंगल हैं। मंगलवार को लाल चंदन या चमेली के तेल में घुले हुए सिंदूर का तिलक लगाने से मंगल दोष दूर होता है। 

बुधवार- बुधवार का दिन भगवान श्रीगणेश को समर्पित किया गया है और इसके स्‍वामी ग्रह बुध हैं। बुधवार के दिन सूखे सिंदूर से तिलक करने से बुध ग्रह का अशुभ असर खत्‍म होता है और वह अच्‍छे फल देने लगता है। खासतौर पर कारोबारियों के लिए ऐसा करना बहुत फायदेमंद साबित होगा।

गुरुवार- गुरुवार का दिन भगवान विष्‍णु को समर्पित है और इसके स्‍वामी गुरु ग्रह हैं। इस दिन सफेद चंदन कि लकड़ी को पत्थर पर घिसकर उसमें केसर मिलाकर तिलक लगाने से भाग्‍य वृद्धि होती है और कुछ ही दिन आर्थिक स्थिति, दांपत्‍य जीवन पर इसका असर दिखाई देने लगता है।

शुक्रवार- शुक्रवार माता लक्ष्‍मी को समर्पित है और इसका स्वामी ग्रह शुक्र है। इस दिन माता लक्ष्‍मी की पूजा करना और लाल चंदन का तिलक लगाना अपार धन-दौलत दिलाता है।

शनिवार- शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है। शनि के बुरी नजर से बचने के लिए सारे उपाय शनिवार को किए जाते हैं। इस दिन काली हल्दी को पत्थर पर घिसकर उसका तिलक लगाने से शनि सारे दुख दूर कर देते हैं।

रविवार- रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित है और इसके स्‍वामी सूर्य हैं। रविवार को लाल चंदन या रोली का तिलक लगाने से सफलता, सेहत, प्रमोशन में लाभ मिलता है।