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Pradosh Vrat 2021: शिवरात्रि और प्रदोष व्रत मिलकर बना रहे विशिष्ट संयोग,जानें किस शुभ मुहूर्त में करें पूजा

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आज शिव प्रदोष व्रत है। हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। मार्गशीष महीने में भगवान शिव की अराधना करने का एक खास योग बन रहा है। इस दिन भगवान शिव का व्रत और पूजा करके आप उनका आर्शीवाद प्राप्त कर सकते हैं। प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि भगवान शिव के प्रिय व्रत हैं। मान्यता है कि जो भगवाम शिव के व्रत रखते हैं भगवान उनसे शीघ्र प्रसन्न होकर उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इतना ही नहीं, भक्तों को संकट से मुक्ति मिलती है।

 

मासिक शिवरात्रि तिथि

कृष्ण चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ: 02 दिसबंर 2021, 10:56 पीएम

कृष्ण चतुर्दशी तिथि समापन: 03 दिसंबर 2021, 07:25 पीएम

 

पूजा विधि

इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर सबसे पहले शिव जी को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें। इसके पश्चात, नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। अब आमचन कर अपने आप को शुद्ध करें। इसके बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें। अब सबसे पहले भगवान सूर्य को जल का अर्घ्य दें। तत्पश्चात, भगवान शिव जी एवं माता पार्वती की पूजा शिव चालीसा का पाठ, मंत्रों का जाप कर फल, फूल, धूप, दीप, अक्षत, भांग, धतूरा, दूध, दही और पंचामृत से करें। अंत में आरती अर्चना कर भगवान शिव और माता पार्वती से अन्न, जल और धन की कामना करें। दिनभर उपवास रखें। शाम में आरती अर्चना करें। फिर फलाहार करें। अगले दिन पूजा-पाठ संपन्न कर व्रत खोलें।

 

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात्