ग्रह की अशुभ स्थिति में हमारे जीवन पर असर पड़ता है। शनि और राहु-केतु का अशुभ होना जीवन को तबाह करने के लिए काफी है, इसलिए वैदिक ज्योतिष में इन ग्रहों की शांति के उपाय जल्द से जल्द कराने की सलाह दी जाती है। अगर कुंडली में राहु अशुभ हो तो इसके लक्षण जीवन में साफ तौर पर देखे जा सकते हैं। चलिए आपको बताते है कि राहु के लक्षण और उनसे निजात पाने के उपाय क्या है,
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राहु खराब हो तो घर की देहरी दब जाती है या खराब हो जाती है. वहीं घर की सीढ़ियों का गलत दिशा में बनना या टूटा-फूटा रहना राहु दोष पैदा करता है। यदि कुंडली में राहु अशुभ हो तो जातक नशे की लत का शिकार हो जाता है। व्यक्ति बात-बात पर चिड़चिड़ाता है। साथ ही ऐसे लोग हमेशा रोना ही रोते हैं और भविष्य को लेकर बुरी तरह उदासीन हो जाते हैं। घर में बॉशरूम-टॉयलेट का गंदा या टूटा-फूटा रहना राहु को खराब करता है, इसलिए इस मामले में सावधानी बरतें। अगर कोई व्यक्ति जादू-टोने के चक्कर में पड़ जाए तो यह भी राहु के खराब होने के कारण होता है।
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रात में नींद न आना, डरावने सपने आना, हर समय आशंकाओं में, बेचैनी में जीना, निर्णय न ले पाना राहु के खराब होने का इशारा है। पानी, आग और ऊंचाई से डरना, बार-बार बीमार होना, परेशानियों-असफलताओं का पीछा न छोड़ना भी खराब राहु का लक्षण है। घर के पत्थरों, कांच के अचानक चटकने की घटनाएं होना। बेवजह लोगों से दुश्मनी होना, लोगों के साथ धोखेबाजी करना, उनके खिलाफ षड़यंत्र करने की बातें सोचना भी खराब राहु करवाता है। गंदे नाखून रखना, गंदगी से रहना राहु के निर्बल होने का इशारा है। खराब राहु कई महिलाओं से संबंध बनवाता है। धन हानि कराता है। राहु का कमजोर होना जीवन में दुर्घटनाएं कराता है।